छत्तीसगढ़ी मुहावरे वाक्य प्रयोग सहित | छत्तीसगढ़ी व्याकरण | Chhattisgrahi Muhaware CG Grammar

मुहावरा - बार बार उपयोग में आने से कोई वाक्य या शब्द समूह अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ में रूढ़ जाता है, तब वह मुहावरा कहलाता है। अर्थात मुहावरा अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ को प्रकट करता है इसके प्रयोग से भाषा में सुन्दरता, भाव, गंभीरता और कोमलता बढ़ जाता है। इसलिए मुहावरा को भाषा का श्रृंगार भी कहा जाता है।

Chhattisgarhi Muhavare

छत्तीसगढ़ी मुहावरे का वाक्य में प्रयोग -

1. अंगरा बरसना - अब्बड़ घाम करना (धूप तेज होना)
वाक्य में प्रयोग - गरमी के दिन मा अइसे अंगरा बरसथे के गोड़ हाथ हा जरे ल लागथे।

2. अंगरा बरसना - अब्बड़ घाम करना (धूप तेज होना)
वाक्य में प्रयोग - गरमी के दिन मा अइसे अंगरा बरसथे के गोड़ हाथ हा जरे ल लागथे।

3. अइंठ अइंठ के रहना - कचोट कर जाना (मन मार के रह जाना)
वाक्य में प्रयोग - मोर पईसा ह कुंआ म गिर गे मैं ह अइंठ अइंठ के रही गेंव।

4. अंगना मा फूल फूलना - घर मा लइका जनम धरना (घर में बच्चा पैदा होना) 
वाक्य में प्रयोग - बुढ़तकाल मा कोदु के अंगना मा फूल फूले हे तब परिवार मा खुसी तो छाबे करही।

5. अंगठा छाप - अनपढ़ होना (निरक्षर होना) 
वाक्य में प्रयोग - दुकालू निच्चट अंगठा छाप हे कांही नइ जानय। 

6. अंगरी चाटना - खुब मिठाना (स्वादिष्ट होना) 
वाक्य में प्रयोग - समारू आज नवा बहुरिया के राधे साग ल अंगरी चांट चांट के खावत हे, बिकट मिठाए हे तइसे लागत हे।

7. अघोरी होना - खक्खी होना (असंतुष्ट या अतृप्त होना) 
वाक्य में प्रयोग - चमरू बिकट अघोरी होगे हे जतका देबे ततका ला खा डारथे।

8. अंगरी मा नचाना - बस मा करना (वशीभूत करना) 
वाक्य में प्रयोग - जबले बुधरू के बिहाव होय हे तब ले ओकर बाई ओला अंगरी मा नचावत हे। 

9. अंजोरी पाख आना - सुख के दिन आना (अच्छे दिन का आना) 
वाक्य में प्रयोग - साधू बबा घर अंजोरी पाख आगे हे बिकट दिन बाद बने बने खावत हे । 

10. अक्कल दऊंडाना - बड़ सोच - विचार करना (बहुत सोच विचार करना) 
वाक्य में प्रयोग - कम खरचा मा खेती करे बर अक्कल दऊंडाना पड़थे। 

11. अकास ले पताल नापना - अपन ताकत अउ पहुंच ले जादा गोठियाना (अपनी ताकत और क्षमता से अधिक बातें करना) 
वाक्य में प्रयोग - जबले देखत हंव तबले ए टूरा ह अकास ले पताल नापत हे, एकर का भरोसा करबे, पतियाबे त मर जबे।

12. अघा जाना - मन भर जाना (तृप्त होना) 
वाक्य में प्रयोग - मोर गाय दु मुठा पेरा मा अघा जाथे। 

13. अन पानी छोड़ना - मरे के लइक होना (मरणासन्न होना) 
वाक्य में प्रयोग - एक महिना होगे डोकरा ह अन पानी छोड़ देहे।

14. आंखी मा अंधियार छाना - चेत नइ रहना (बेहोश होना) 
वाक्य में प्रयोग - राजू ल बिछी चाबे हे तब ले ओखर आंखी म अंधियार छागे हे।

15. अंधरौटी छाना - नइ दिखना (दिखाई ना देना) 
वाक्य में प्रयोग - चालिस के ओ पार होबे तहां ले अंधरौटी छाना चालू हो जथे। 

16. अलग बिलग होना - बंटवारा होना (बंटवारा होना) 
वाक्य में प्रयोग - दुकालू अऊ सुकालु दूनो भाई अपन दाई ददा ले अलग बिलग होगे। 

17. अरी के तेल बरी मा निकालना - समे के फायदा लेना (अवसर का लाप लेना) 
वाक्य में प्रयोग - ए डोकरा ह हमन ल लड़वा के लागथे अरी के तेल म बरी निकालत है। 

18. आँखी-कान ला खोल के राखना - एक दम हुसियारी मा रहना (पूरी तरह चौकन्ना रहना) 
वाक्य में प्रयोग - धान के खरही ह कोठार म रखाय हे आंखी कान ल खोल के राखबे नही त कोनो लेग जाही। 

19. अपने ल देखना - अपन सुवारथ देखना (स्वार्थी होना)
वाक्य में प्रयोग - नेता मन अपन ल देखथे , ओ मन का जनता के सेवा कर हकही।

20. अबक तबक होना - मरे के लईक होना (मरने के लायक होना)
वाक्य में प्रयोग - मोती ह नब्बे साल के हे खाए पिए बर छोंड़ दे हे तबले अबक तबक होगे हे, कब भगवान घर चल दिही तेकर पता नही। 

21. अपन रद्दा आना अऊ अपन रद्दा जाना - लफड़ा मा नइ पड़ना (किसी लफड़े में नही पड़ना) 
वाक्य में प्रयोग - बने बने आदमी मन अपन रद्दा आथे अउ अपन रद्दा जाथे ओ मन ला कांही फरक नइ परय कोनो कांही कहे। 

22. अपने ल चलाना - अपनेच बात मनवाना (सिर्फ अपनी बात को ही मनवाना)
वाक्य में प्रयोग - हमर गांव के सरपंच के बिकट धाक हे अपने ल चलाते गांव वाले मन करा। 

23. अपन बर सेर होबे - अपन बर ताकती होना (अपने लिए हिम्मतवाला या ताकतवर होना) 
वाक्य में प्रयोग - अपन बर सबो सेर होथे समारू बस्ती बर देखाबे त जानबो।

24. अंडा जइसे सेना - बचा अऊ लुका के रखना (बचा और छुपाकर रखना) 
वाक्य में प्रयोग - का बात हरे रामू अइसे का पागे हस जेन घर ले नइ निकलस अंडा जइसे सेवत रहिथस। 

25. आंखी के पुतरी होना - दुलरवा होना (प्यारा होना) 
वाक्य में प्रयोग - लईका मन कइसनो राहय अपन दाई ददा के आंखी के पुतरी होथे। 

26. आंखी फोरना - मुरुख बनाना (मूर्ख बनाना) 
वाक्य में प्रयोग - मनटोरा के टुरा ह दु के धनिया ल पांच म बेच के लोगन मन के आंखी फोरत रहिस है।

27. अक्कल बताना - अक्ल बांटना (अपाय बताना) 
वाक्य में प्रयोग - देख चमारिन के लईका कतका हुसियार होगे हे अपन दाई ददा ल अक्कल बतावत हे।

28. आँखी ले पानी छुटना - अखर जाना (अखरना) 
वाक्य में प्रयोग - बैशाखु के सौ रूपिया बजार मा गंवागे बिचारा के आंखी ले पानी छुटगे।

29. अक्कल मा गोबर भराना - मुरूख होना (नासमझ, मूर्ख होना)
वाक्य में प्रयोग - रामसिंग अतका पढ़े लिखे हे तभो ले ओकर अक्कल मा गोबर भराए हे, कांही बताबे समझे न आए ओला।

30. आज-काली करना - टालमटोल करना (टालमटोल) 
वाक्य में प्रयोग - बिकट दिन होगे तोला आज काली करत मोर पईसा ल कब देबे।

31. आदमी बरन रहना - वेवहारिक होना (व्यवहारिक होना) 
वाक्य में प्रयोग - राम्हू के टूरा आदमी बरन नई हे कखरो संग बने नई गोठियाय। 

32. अलकर मा घाव होना - राज के बात बताए बर बिबस होना (गुप्त या राज के बात बताने को मजबूर होना) 
वाक्य में प्रयोग - रमशिला अऊ मनटोरा मा झगरा होईस त अलकर मा घाव वाले बात खुलगे।

33. इज्जत कमाना - नाव कमाना नइते मान बाढ़ना (नाम कमाना या ख्याति फैलना) 
वाक्य में प्रयोग - रामलाल गरीब है त का भइगे अपन जांगर पाछू इज्जत कमाए हे।

34. उड़ानुक होना - काम बुता करे के लइक होना (कार्य करने के योग्य होना) 
वाक्य में प्रयोग - सब घर के इही हाल हे बिसेसर लइका मन उड़ानुक होइन तहां ले दाई - दादा ला नइ पूछे, अपने मन के करथे।

35. उतलंग नापना - लाहो लेना (अधिक उत्पात करना) 
वाक्य में प्रयोग - बड़े - बड़े गौंटिया मन ला देखे हन जी जउन उतलंग नापिस, तउन खपिस घलो हे। 

36. ऍड़ी के रिस तरूवा मा चघना - गुस्सा आना (गुस्सा आना) 
वाक्य में प्रयोग - आजकल के नेता मनके काम ल देख के मोरो एंड़ी के रिस तरूवा मा चघथे। 

37. एकक पइसा बर तरसना - निच्चट गरीब होना (अत्यन्त निर्धन होना) 
वाक्य में प्रयोग - बुधारू एकक पइसा बर तरसत हे तिहाँ ओकर अकड़ नइ गिस।

38. एक धान के दू चार होना - लाभे लाभे होना (लाभ ही लाभ होना)
वाक्य में प्रयोग - समारू के बिहाव होइस ते ससुरारी जमीन मिलगे अउ नउकरी घलो मिलगे एक धान के दू चाँउर होगे ओकर। 

39. कनकी बरसना - कनकनहाँ जाड़ लागना (कनकना ठंड लगना) 
वाक्य में प्रयोग - हर साल नवरात्रि बर ले कनकी बरसे के चालू हो जात रहिस हे ए साल कांही नई जनावत हे।

40. कभू घाम कभू छांव होना - सुख - दुख लगे रहना (सुख दुख लगा रहना)
वाक्य में प्रयोग - जिनगी म कभू घाम त कभू छांव आते जाते रहिथे। 

41. करेजा के मंगनी देना - एक दम हितवा होना (परम हितैषी होना)
वाक्य में प्रयोग - समारू ह तो बुधारू ल करेजा के मंगनी देथे, त का बइलागाड़ी नई दिहि।

42. करेजा मा पथना लदकना - धीरज धरना (धैर्य रखना) 
वाक्य में प्रयोग - मनटोरा के एके झन टुरा तेनो अक्सीडेंट मा निपट गे तब ले बिचारी करेजा मा पथरा लदक के रहिथे।

43. कान के कीरा झराना - ऊँच - नीच कहना (खरी - खोटी सुनाना) 
वाक्य में प्रयोग - सुनीता के कान के कीरा नई झरे ह तइसे लागथे ओला झराए ला लागही। 

44. कान तीपना - सावचेत होना (सचेत होना) 
वाक्य में प्रयोग - आज कल के कनघटोर लईका मन ला कतको हड़बड़ा ले, फेर कान नइ तीपे ऊंखर। 

45. कारी पछीना छूटना - डर मा पछीना - पछीना होना (भय से पसीना - पसीना होना)
वाक्य में प्रयोग - आघु ले बघवा ला जावत देखेंव त मोर कारी पछीना छुटगे। 

46. गरहन तीरना - अपंग होना (विकलांग होना) 
वाक्य में प्रयोग - कन्हइया के टुरा ल गरहन तीर दे हे, बिचारा रेंग नइ सकय।

47. गिरहा धरना - बिपत आना । (संकट आना)
वाक्य में प्रयोग - आज का गिरहा धर ले हे जेन म ए टुरी ह कांही नइ बोलत हे अइसे के दरी बिकट बड़बड़ावय। 

48. गोदी हरियाना - अम्मल मा होना (गर्भवती होना) 
वाक्य में प्रयोग - बिकट दिन म मनटोरा के टुरी के गोदी हरियाए हे।

49. घड़ी मार के आना - देरी करके आना (विलम्ब से आना) 
वाक्य में प्रयोग - बिकट बेरा होगे कमावत एक घड़ी मार लंव तहां ले जाहूं।

50. चंदोरा-निपोरा लगाना - घुचुर पुचुर करना (टाल - मटोल करना) 
वाक्य में प्रयोग - चंदोरा निपोरा झन लगा जल्दी - जल्दी कमा फेर घर जाए के बेरा होगे कहिबे। 

51. चार किसम के गोठ होना - आनी - बानी के गोठ होना (विविध प्रकार की बातें होना)
वाक्य में प्रयोग - चार किसम आदमी अऊ चार किसम के बात, के झन के बात ल सुनबे। 

52. चोला तर होना - एक दम मगन होना (खुब प्रसन्न होना) 
वाक्य में प्रयोग - अतेक मान - सम्मान ला पाके मोर तो चोला तर होगे।

53. छइहाँ नई खुंदना - गुस्सा नइते घिन करना (गुस्सा या धृणा करना) 
वाक्य में प्रयोग - हगरू के चार ठन नवा बइला ल देखे हे तब ले ओखर भाई छइहां नइ खुंदे हे।

54. छान्हीं मा होरा भूंजना - बहुत अतियाचार करना (बहुत अत्याचार करना) 
वाक्य में प्रयोग - एके झन हे कहिके जतके मरबे ओतके टूरा मन छान्ही म होरा भुंजथे। 

55. जियान परना - दुख होना
वाक्य में प्रयोग - तोर बजार जाए बर जियान परत हे तब पइसा ला दे, मे जाहूँ।

56. जी अगियाना - गुस्सियाना (गुस्सा आना)
वाक्य में प्रयोग - अपन कमाए पइसा ल दुसर खरचा करथे त जी अगिताथे। 

57. जी मा जी पारना - बढ़ा - चढ़ा के हामी भरना (बढ़ा - चढ़ा कर सहमति देना) 
वाक्य में प्रयोग - केवल ह अपन ददा ल मरगे कहिके जी म जी पार दे रहिस, जबके ओखर ददा जीयत है। 

58. ठाढ़े बाय जाना - खुब उपदरो करना (खूब उत्पात मचाना) 
वाक्य में प्रयोग - कोतवाल के टुरा ठाढ़े बाय जात तो आए हमर ल का सुनही। 

59. डीही मा दिया बारना - कुल के नांव चलइया होना (कुल का दीपक होना)
वाक्य में प्रयोग - बैशाखिन ला बुढ़तकाल मा बेटा मिलिस अब डीही मा दीया जलईया आगे। 

60. डेहरी नइ खूंदना - घर मा कदम नइ रखना (घर में प्रवेश न करना) 
वाक्य में प्रयोग - रामु अऊ कालु म झगरा होय हे तेन दिन ले एक दूसर के डेहरी नइ खुंदे हे।

61. तनानना होना - तरस जाना (तरसना) 
वाक्य में प्रयोग - कालू के लईका के आए ले रामु के लईका मन ह खाए पिए बर तनानना हो जथे।

62. तुतारी लगाना - पाछू पड़ जाना (पीछे पड़ना)
वाक्य में प्रयोग - पइसा कौड़ी माँगे के बेरा मा बिरझू ह तो तुतारी लगा देथे , अऊ दे के दिन म गायब हो जथे। 

63. दिन नंदाना - समे गुजरना (समय गुजरना) 
वाक्य में प्रयोग - नान पन म बिकट भंवरा खेलन रे अब हमर दिन नंदागे तुंहर दिन आगे।

64. दीया झंकाना - दीया बार के आरती उतारना (दीप उदय करना) 
वाक्य में प्रयोग - रोज मुंधियार कन , लछमी ह दीया झंका के काम करथे। 

65. दूबी मा गाड़ा अरझाना - नानकुन बात नइते जिनिस खातिर बुता टरका देना (छोटी सी बात के लिए कार्य को रोक देना)
वाक्य में प्रयोग - कालू के सरी बुता सिध होती आइस तब दूबी मा गाड़ा अटकगे।

66. धुआँ नइ जाना - भुलाय नइ सकना (भूल नहीं पाना) 
वाक्य में प्रयोग - भाई बहनी के मया के धुआं कभू नइ - जाय। 

67. नकटा के नाक मा सेमी फरना - नकटा मनख के नकटई अऊ बढ़ना (बेशर्म व्यक्ति की बेशर्मी और बढ़ना) 
वाक्य में प्रयोग - दादु नकटा मनखे ताए जतके कहिबे ततके ओखर नाक मा सेमी फरथे। 

68. नवा जनम धरना - मरत - मरत बाँचना (मरते - मरते बचना) 
वाक्य में प्रयोग - बड़ भागमानी ए संजू हा , एक्सीडेंट मा बाचगे नवाँ जनम धर के आय हे। 

69. नाक ऊँच करके गोठियाना - निरलज असन गोठियाना (निर्लज्जतापूर्वक बोलना)
वाक्य में प्रयोग - मोर जम्मो चना एकरे सेती सरे हे अऊ नाक ऊंच कर के मोरे आघु मा गोठियावत हे। 

70. पइसा के रूख जगोना - धन कमाए के साधन बनाना (आय का साधन बनाना) 
वाक्य में प्रयोग - भोज घर पईसा के रूख लागे हे तइसे लागथे, अब्बड खरचा करथे। 

71. पर के मुहूँ मा गोठियाना - सुने - सुनाय बात ला बोलना (सुनी हुई बातों को बोलना)
वाक्य में प्रयोग - पर के मुहूं म गोठियाय ले धान नइ उपजय, जब कमाबे तभे जानबे। 

72. पानी घाट होना - असान होना (आसान होना) 
वाक्य में प्रयोग - बड़े गौंटिया ला का कबे दुरूग जवई तो ओकर बर पानी घाट आय।

73. पाप उदे होना - खटकरम के फल मिलना (दुष्कर्म का फल मिलना) 
वाक्य में प्रयोग - बंशी के पाप उदे होवत हे एको दिन सपेटा मा आही तब जानही। 

74. पुतकी मा जी होना -  डर लागना (डरना) 
वाक्य में प्रयोग - सांप ल देख के मोर जी पुतकी मा होगे रहिस।

75. पेट मा दाँत होना - कपटी होना (कपट का भाव रखना) 
वाक्य में प्रयोग - पल्टु मिठलबरा हरे ओखर पेट मा दात हे बांच के रहना चाहिए। 

76. पेट - मुंड़ देखाना - गरीबी देखाना (गरीबी दिखाना) 
वाक्य में प्रयोग - कालू किसानी म साहेब मन ल अपन पेट देखाए बर आगु रहिथे। 

77. बछिया के पूछी छुआना - किरिया खाना (कसम खाना) 
वाक्य में प्रयोग - तेहां अगर मोर चना ल नइ चोराए हस त चल बछिया के पुछी ल छु के बता।

78. बरी पुट नून डारना - एक ठन बुता बर आने - आने ढंग ले घेरी - बेरी खरचा करना (एक ही कार्य के लिए विविध तरीकों से बार - बार खर्च करना) 
वाक्य में प्रयोग - जऊन ला अपने आप मा विसवास नइ राहय तउने हा बरी पुट नून डारथे। 

79. बारा कुआँ मा बाँस नाना - आनी - बानी के बुता करना (विविध प्रकार के कार्य करना)
वाक्य में प्रयोग - तोर बारा कुआं मा बांस बंधई ल देख के तोर ददा हलाकान होगे । 

80. बिछी कस झार भरभराना - नंगत के गुस्सा आना (अधिक गुस्सा आना) 
वाक्य में प्रयोग - मोर टूरा ल ओ ह जबले मारे हे तब ले मोला बाछी कस झार भरभरावत हे।

81. बोली मा थाहा नइ होना - जसने नहीं तइसने बोलना (जो मन में आए बोल देना) 
वाक्य में प्रयोग - पढ़ें लिखे हे त का भइस ओखर बोली म थाहा नइ है। 

82. रई आना - जातरी आना (विनाश पास / निकट आना) 
वाक्य में प्रयोग - सातो के टूरा के रई आगे हे बिकट तपत ह एका झन उड़वाही तब चेतही।

83. भगवान के बेटा होना - भागमानी होना (भाग्यशाली होना)
वाक्य में प्रयोग - समारू भगवान के बेटा कस होगे हे जेन ल हर साल फसल के अच्छा भाव मिलथे।

84. भरे तरिया मा पानी नइ मिलना - अतियाचार के सही सजा मिलना (अत्याचार का उचित दंड मिलना) 
वाक्य में प्रयोग - एक दिन देखबे पहलू ल भरे तरिया म घलो पानी नइ मिलय , गरीब मन ल लुटे है।

85. भूंसी भांग नइ होना - कुछु नइ होना (कुछ भी नहीं होना) 
वाक्य में प्रयोग - रामु के घर मा भूंसी भांग नइहे अउ ओखर सउँख हा अकास चढ़त है। 

86. भोगनी ला भोगना - सजा भुगतना (दण्ड भोगना) 
वाक्य में प्रयोग - जइसे करम करबे तइसने भोगनी ला भोगे परही।

87. मन कईच्चा होना - निरास होना (निराश होना)
वाक्य में प्रयोग - हर साल के अंकाल परइ ल देख के चना बोए बर मन कइंच्चा हो जथे। 

88. मरे मा मेछा उपकाना - चुगली (निंदा करना) 
वाक्य में प्रयोग - मरे म मेछा उपकाए ले का होही तहूं ओखरे कस कमा तब पईसा आही। 

89. माथा ठनकना - संका होना (शंका होना)
वाक्य में प्रयोग - तोला देखथंव तहां ले मोर माथा ठनक जथे, के अतेक बेर ले का करत रहेस घर म। 

90. मुंडी मा घाव होना - बिपत आना (विपत्ति आना) 
वाक्य में प्रयोग - जेखर मुड़ म घाव होथे उही जाही दुनिया वाले मन ल का है। 

91. मुख नइ देखना - दुरिहा हटना (दूर हटना) 
वाक्य में प्रयोग - परेटन कखरो बनक ल नइ देख सकय - जलन मरथे ऐसन मनके मुख नइ देखना चाही।

92. मुहूँ ऊपर बोलना - आधु मा जुवाप देना (सामने में जवाब देना) 
वाक्य में प्रयोग - दिनेश हा रट फिट बोलइया आए अनियाय देखिस ते मुहूँ ऊपर बोलथे।

93. रिही- छिही करना - टोर - फोर करना (नष्ट - भ्रष्ट करना) 
वाक्य में प्रयोग - अभीच खेलउना लाने हंव दु मिनट नइ होय हे रिही छिही कर डारिस।

94. रोटी असन पोना - रटारट मारना (तड़ातड़ मारना) 
वाक्य में प्रयोग - सुनीता अपन बेटा टीकम ल फोकट के रोटी असन पो दिस।

95. लउठी मा तेल चुपरना - बदला भंजाए के ताक मा रहना (बदला लेने का अवसर ढूँढ़ना)
वाक्य में प्रयोग - हमर गांव मा नान नान बात बर लउठी मा लेल चुपरई चालू हो जथे। 

96. लउर लइया करना - बेकार घूमना (व्यर्थ घूमना)
वाक्य में प्रयोग - दिन भर समारू के टूरा ह गली-गली लउर  लइया करत रहिथे तेमा पेट पर जही?

97. लहर - तहर होना - पछीना पछीना होना (पसीना-पसीना होना) 
वाक्य में प्रयोग - काली जब अजगर ल देखेव त मोर जी लहर तहर होगे रहिस। 

98. लिख के लाख करना - बढ़ा - चढ़ा के बोलना (बढ़ा - चढ़ाकर बोलना) 
वाक्य में प्रयोग - कालू के टूरा अपन ददा बर लिख के लाख करत रहिथे।

99. लोहा जान के पानी पियाना - योग्यतानुसार सम्मान देना (योग्य का सम्मान) 
वाक्य में प्रयोग - गरीब के लईका मन ला लोहा जान के - पानी पियाय से ओ मन ल हिम्मत मिलथे।

100. सरम मा मरना - अब्बड़ के लजाना (बहुत शर्माना) 
वाक्य में प्रयोग - जब के देखत हंव तबके टुरा ह सरम मा मरत हे त काम कइसे बनही। 

101. सींग जामना - हिम्मत बाढ़ना (साहस बढ़ना) 
वाक्य में प्रयोग - ए टूरा के देखते देखत मा बड़ सिंग जामे लगगे हे । नान पन मा कांही नइ रहिस है। 

102. सादा- सादा गोठियाना - वाजिब ला बोलना (सत्य को बोलना) 
वाक्य में प्रयोग - हमर गांव के गौंटिया टेटकू ह सादा सादा गोठयइया मन ल बने भा थे।

103. सोन के लाडू खवाना - अब्बड मान गउन करना (बहुत मान सम्मान करना)
वाक्य में प्रयोग - तीन भाई म एके बहिनी हे तेकर सेती ओला जम्मो झन सोन के लाडू खवाए। 

104. हाँत कच्चा होना - हात मा पइया होना (हाथ में पैसे होना) 
वाक्य में प्रयोग - टेटकु के हांत कइच्चा हे तभे दु ठन सईकिल बिसाए है। 

105. हाँत के मइल होना - महिनत करके उपजाना (श्रम में उत्पन्न करना) 
वाक्य में प्रयोग - पइसा कौड़ी त हांत मे मइल आय आज नही त काली ले लेबोन फरफटी।

106. हांत गरम होना - पास मा पइसा होना (पास में पैसे होना)
वाक्य में प्रयोग - कोदू के हांत गरम हे तभे फुटानी मारत हे। 

107. हाँस - हाँस के मरना - नगत के हांसना (खुब हांसना) 
वाक्य में प्रयोग - अश्वनी के टूरा ह मोबाईल देखत देखत नगत के हांसथे।

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