- केंद्र स्तर पर वन्य जीवो के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की जाती है।
- राष्ट्रीय उद्यान वन्य जीवो के संरक्षण के लिए अनुकूलित प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध कराता है।
- राष्ट्रीय उद्यान आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
- वर्तमान में छत्तीगढ़ में 3 राष्ट्रीय उद्यान स्थापित है।
राष्ट्रीय उद्यान
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जिला
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स्थापना वर्ष
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क्षेत्रफल
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1. इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
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1978
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1258 वर्ग किमी
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2. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
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1981
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1441 वर्ग किमी
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3. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
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1982
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200 वर्ग किमी
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1. इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
- स्थापना - 1978
- स्थान - बीजापुर
- क्षेत्रफल - 1258 वर्ग किलोमीटर
- प्रमुख पशु - टाईगर
- यह छत्तीसगढ़ का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है।
- छत्तीसगढ़ का एकमात्र कुटरू गेम सेंचुरी(बीजापुर) इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान के मध्य में इंद्रावती नदी प्रवाहित होती है।
- राज्य का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान जिसे राज्य का प्रोजेक्ट टाइगर (1982-83) घोषित किया गया है।
- प्रदेश सरकार ने 2009 में इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया।
2. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
- स्थापना - 1981
- पुराना नाम - संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान - कोरिया, मनेंद्रगढ़ -चिरमिरी-भरतपुर व सूरजपुर
- क्षेत्रफल - 1440.70 वर्ग किलोमीटर
- प्रमुख पशु - नीलगाय तेंदुआ,सांभर,बाघ आदि।
- दर्शनीय स्थल - अमापानी, खेड़कामाड़ा, गांगीरानी गुफा, नीलकंठ जलप्रपात, च्यूल जलप्रपात इत्यादि दर्शनीय स्थल है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान।
- सर्वाधिक बाघ पाए जाते हैं।
3. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- स्थापना - 1981-82
- स्थान - बस्तर (कोंटा - हैदराबाद मार्ग में)
- क्षेत्रफल - 200 वर्ग किलोमीटर
- प्रमुख पशु - पहाड़ी मैना,उड़न गिलहरी, रिसस बंदर।
- यह छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
- इस उद्यान में भैंसादरहा नामक स्थान पर प्राकृतिक रूप से मगरमच्छ पाए जाते हैं।
- वर्ष 1982-85 में इसे एशिया का सबसे पहला बायोस्फीयर घोषित किया था। लेकिन वर्तमान में यह लागू नहीं है।
- कांगेर घाटी के बीचो बीच कांगेर नदी बहती है, इस कारण इसका नाम कांगेर घाटी पड़ा।
- छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का संरक्षण किया गया है।
- इसी क्षेत्र में जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए तितली पार्क स्थापित किया गया है।
- कांगेर घाटी में उड़न गिलहरी और रिसर्स बंदर पाए जाते हैं।
- कांगेर घाटी में कुटुम्बसर गुफा स्थित है, जिसमें अंधी मछली पाई जाती है।
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