छत्तीसगढ़ में अपवाह तंत्र (Apwah Tantra) को प्रवाह की दृष्टि से मुख्यतः 5 अपवाह तंत्र में विभाजित किया गया है -
अपवाह तंत्र
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छेत्रफल (लाख हे.)
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प्रतिशत
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महानदी | 77.432 | 56.15% |
गोदावरी | 39.497 | 28.64% |
सोन/गंगा नदी | 18.789 | 13.63% |
ब्राह्मणी नदी | 1.423 | 1.03% |
नर्मदा नदी | 0.759 | 0.55% |
महानदी अपवाह तंत्र
महानदी
• विस्तार - छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्रों में
• उद्गम - सिहावा पर्वत के फरसिया के गणेश घाट नामक स्थान से (धमतरी)• विसर्जन - कटक (ओडिशा) के निकट बंगाल की खाड़ी में।
• कुल लम्बाई - 858 किमी
• छत्तीसगढ़ में लम्बाई - 286 किमी
• तट पर स्थित शहर - राजिम, सिरपुर, शिवरीनारायण, पलारी, चंद्रपुर।
• प्रवाह छेत्र - धमतरी, कांकेर, बालोद, रायपुर, गरियाबंद, महासमुन्द, बलौदाबाजार, जांजगीर चाम्पा, रायगढ़।
• विशेष - महानदी छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी नदी है।
• सतयुग - नीलोत्पला
• द्वापरयुग - चित्रोत्पला
• वर्तमान - महानदी
• अन्य नाम - छत्तीसगढ़ की गंगा, छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा, ऋषितुल्या।
महानदी की उत्तर की ओर से सहायक नदियां -
यह छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है जो छत्तीसगढ़ के कुल अपवाह तंत्र के
28.64 प्रतिशत जल को ग्रहण करता है। गोदावरी अपवाह तंत्र 39.497 लाख हेक्टेयर में फैला हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य के पठार का ढाल दक्षिण की ओर होने के कारण अधिकांश
नदियाँ गोदावरी में जाकर मिलती है जिसे ही गोदावरी अपवाह तंत्र कहते है।
प्रवाह दिशा - गोदावरी प्रवाह बेसिन छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है।
सोन/गंगा अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़ की तीसरी बड़ी अपवाह तंत्र है। छत्तीसगढ़ के उत्तर
भाग की ढाल उत्तर की ओर होने के कारण उत्तर छत्तीसगढ़ की नदियाँ उत्तर की ओर
प्रवाहित होती है। गंगा अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़ के कुल अपवाह तंत्र के 13.63
प्रतिशत जल को ग्रहण करता है। साथ ही 18.789 लाख हेक्टेयर मेंं विस्तारित
है।
ब्राह्मणी नदी अपवाह तंत्र का छत्तीसगढ़ के अपवाह तंत्र का कुल 1.03 प्रतिशत रखता
है।
यह राज्य की सबसे छोटी अपवाह तंत्र है जो छत्तीसगढ़ के कुल अपवाह तंत्र का 0.55
प्रतिशत संग्रहण रखता है।
2. ताडा
मुंगेली जिला / बिलासपुर जिला - मनियारी नदी
बिलासपुर जिला / जांजगीर चाम्पा जिला - लीलागर नदी
नामकरण
• प्राचीन नाम - कनकनन्दिनी• सतयुग - नीलोत्पला
• द्वापरयुग - चित्रोत्पला
• वर्तमान - महानदी
• अन्य नाम - छत्तीसगढ़ की गंगा, छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा, ऋषितुल्या।
संगम
• राजिम (गरियाबंद) - महानदी + पैरी + सोंढूर
• शिवरीनारायण (जांजगीर चाम्पा) - महानदी + शिवनाथ + जोंक
• चंद्रपुर (जांजगीर चाम्पा) - महानदी + मांड + लात
• शिवरीनारायण (जांजगीर चाम्पा) - महानदी + शिवनाथ + जोंक
• चंद्रपुर (जांजगीर चाम्पा) - महानदी + मांड + लात
बांध
हीराकुंड बांध (उड़ीसा में संबलपुर के समीप) हीराकुंड बांध भारत का सबसे लंबा
बांध है।
परियोजना
1. रुद्री बैराज परियोजना (1912 - 15) धमतरी जिले में महा नदी पर स्थित है।
2. दुधवा जलाशय धमतरी जिले में महानदी पर स्थित है।
3. गंगरेल बांध (रविशंकर जलाशय 1979) धमतरी जिले में महानदी पर स्थित है।
बैराज
1. समोदा बैराज, रायपुर
2. शिवरीनारायण बैराज, जांजगीर चांपा
3. साराडीह बैराज, जांजगीर चांपा
4. बसंतपुर बैराज, जांजगीर चांपा
5. मिरौनी बैराज, जांजगीर चांपा
6. कलमा बैराज, जांजगीर चांपा
• छत्तीसगढ़ की सबसे लम्बी नदी - महानदी
• छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लम्बी नदी - शिवनाथ
विशेष
• महानदी छत्तीसगढ़ की गंगा एवं जीवन रेखा के नाम से जानी जाती है।• छत्तीसगढ़ की सबसे लम्बी नदी - महानदी
• छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लम्बी नदी - शिवनाथ
• महानदी एवं इंद्रावती के मध्य जलविभाजक पर्वत - केशकाल घाटी
• नामकरण - श्रृंगी ऋषि के प्रिय शिष्य महानंदा के नाम पर
• महानदी छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक छेत्र घेरता है।
• नामकरण - श्रृंगी ऋषि के प्रिय शिष्य महानंदा के नाम पर
• महानदी छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक छेत्र घेरता है।
• महानदी पर सस्पेंशन ब्रिज राजिम में प्रस्तावित है।
• महानदी की सहायक नदियां •
महानदी की दक्षिण की ओर से सहायक नदियां -
1. दूध नदी
• उद्गम - मलाजकुंडम पहाड़ी (कांकेर)
• प्रवाह क्षेत्र - कांकेर
• विसर्जन - महानदी
• जलप्रपात - मलाजकुंडम जलप्रपात
2. सिलयारी नदी
• विशेष - मॉडमसिल्ली जलाशय (1923) धमतरी जिले में।
3. पैरी नदी
• प्राचीन नाम - पलासिनी
• उद्गम - भातृगढ़ पहाड़ी, मैनपुर पठार, बिंद्रानवागढ़ (गरियाबंद)
• प्रवाह क्षेत्र - गरियाबंद
• विसर्जन - राजिम के समीप महानदी में।
• सहायक नदी - सोंढूर
• परियोजना - सिकासार परियोजना (1995) गरियाबंद में।
4. सोंढूर नदी
• उद्गम - नवरंगपुर, कोरापुट (ओडिशा)
• लम्बाई - 80.5 किमी
• विसर्जन - पैरी नदी (मालगांव के समिप)
• परियोजना - सोंढूर परियोजना (1979-80 धमतरी)
5. सूखा नदी
• प्रवाह क्षेत्र - गरियाबंद, महासमुंद
• विसर्जन - महानदी में
• सहायक नदी - कोडार नदी
• परियोजना - कोडार परियोजना महासमुंद जिले में।
6. जोंक नदी
• उद्गम - सोनबेरा पठार (ओडिशा)
• प्रवाह क्षेत्र - महासमुंद, बलौदाबाजार
• विसर्जन - शिवरीनारायण के निकट महानदी में।
7. लात नदी
• उद्गम - रदन की पहाड़ी (सरायपाली, महासमुंद)
• विसर्जन - चंद्रपुर में (महानदी पर)
8. सुरंगी नदी
• उद्गम - रायगढ़
• विसर्जन - यह ओडिशा में ओंग नदी के माध्यम से महानदी में मिलती है।
9. बलमदेही नदी
• उद्गम - बारनवापारा क्षेत्र
• संगम - नंदनिया (बलौदाबाजार) महासमुंद में।
• जलप्रपात - सातदेवधारा जलप्रपात (महासमुंद)
10. तेल नदी
• उद्गम - देवभाग (गरियाबंद)
• विशेष - यह महानदी की सहायक नदी है।
महानदी की उत्तर की ओर से सहायक नदियां -
1. शिवनाथ नदी (Shivnath River)
• उद्गम - गोड़री गांव गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)
• पूर्व उद्गम स्त्रोत - पानावरस पहाड़ी अंबागढ़ चौकी, राजनांदगांव
• मुहाना - शिवरीनारायण के निकट महानदी में
• कुल लम्बाई - 290 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली, बिलासपुर,
बलौदाबाजार, जांजगीर - चाम्पा (7 जिलों से होकर)
• तटीयस्थल - 1. दुर्ग 2. नांदघाट (बेमेतरा) 3. मदकूद्वीप (मुंगेली)
4. सोमनाथ (बलौदाबाजार)
• सहायक नदी - आमनेर, हॉफ, मनियारी, अरपा, लीलागर, खरखरा, तंदुला,
खारुन, जमुनिया।
• अन्य सहायक नदियां - सोमबरसा, नानकटी, घुमाना।
• परियोजना - मोंगरा बैराज परियोजना (राजनंदगांव)
• प्राचीन नाम - शुनिनदी, शिवानदी।
• विशेष -
• महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है
• छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लम्बी नदी शिवनाथ नदी है ।
• महानदी एवं शिवनाथ नदी का दोआब क्षेत्र रायपुर - दुर्ग जिलों में फैला है।
• यह नदी ऐतिहासिक काल में छत्तीसगढ़ को दो भागों में (18 गढ़ - 18 गढ़) विभाजित
करती थी।
शिवनाथ नदी की सहायक नदियां -
दक्षिण की ओर से -
1. खरखरा नदी
• उद्गम - डौंडीलोहारा
• परियोजना - खरखरा जलाशय, बालोद (मिट्टी निर्मित बांध)
2. तांदुला नदी
• उद्गम - भानुप्रतापपुर की पहाड़ियों से
• लम्बाई - 64 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - कांकेर, बालोद, दुर्ग।
• परियोजना - तांदुला जलाशय (1913)
• सहायक नदी - जुहार/जुवारी नदी (गोंदली जलाशय स्थित है)
3. खारुन नदी
• उद्गम - पेटेचुआ पहाड़ी (बालोद)
• प्रवाह क्षेत्र - बालोद, रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार
• विसर्जन - सोमनाथ के निकट, शिवनाथ नदी में।
• विशेष - इस नदी के तट पर रायपुर तरीघाट (दुर्ग) स्थित है।
4. जमुनिया नदी
• उद्गम - बलौदाबाजार
• विशेष - यह शिवनाथ नदी की सहायक नदी है।
उत्तर - पश्चिम की ओर से -
1. आमनेर नदी
• उद्गम - मैकलश्रेणी, कबीरधाम।
• विसर्जन - शिवनाथ नदी (दुर्ग)
• संगम - आमनेर, मुस्का और पिपरिया के त्रिवेणी संगम पर खैरागढ़ स्थित है।
2. हॉफ नदी
• उद्गम - कांदावनी की पहाड़ी, कबीरधाम।
• प्रवाह क्षेत्र - कबीरधाम, बेमेतरा।
• विसर्जन - नांदघाट के समीप, शिवनाथ नदी में।
• लम्बाई - 44 किमी
• सहायक नदी - कंवलधार
• सहायक नदी - सकरी नदी
3. मनियारी नदी
• उद्गम - पेंड्रा लोरमी की पठार, सिहावल सागर (मुंगेली)
• प्रवाह क्षेत्र - मुंगेली, बिलासपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही।
• विसर्जन - मदकुद्वीप के निकट शिवनाथ नदी में।
• कुल लम्बाई - 134 किमी
• सहायक नदी - आगर, छोटी नर्मदा, टेसुवा व घोंघा।
• तटीय स्थल - लोरमी, तखतपुर, तालागांव
• परियोजना - खुड़िया बांध/राजीव गांधी जलाशय (1930)
• विशेष -
किस नदी के किनारे अमेरीकांपा तालागांव स्थित है।
यह मुंगेली व बिलासपुर जिला के मध्य सीमा रेखा बनाती है।
4. आगर नदी
• उद्गम - भुरकुंड पहाड़ी, पंडरिया
• प्रवाह क्षेत्र - लोरमी और पथरिया क्षेत्र (मुंगेली जिला)
• विसर्जन - मनियारी नदी में
• तटीय स्थल - 1. मुंगेली 2. खर्रा घाट
7. अरपा नदी
• प्राचीन नाम - कृपा नदी
• उद्गम - खोड़री खोंगसरा पहाड़ी (गौरेला पेंड्रा मरवाही)
• विर्सजन - मानिकचौरा के निकट शिवनाथ नदी में।
• लम्बाई - 100 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - गौरैला पेंड्रा मरवाही, बिलासपुर, बलौदाबाजार
• परियोजना - भैंसाझार परियोजना (कोटा के समीप)
• सहायक नदी - खारंग नदी।
8. लीलागर नदी
• प्राचीन नाम - निडिला नदी।
• उद्गम - कोरबा (पूर्वी पहाड़ी से)
• प्रवाह क्षेत्र - कोरबा, बिलासपुर।
• लम्बाई - 135 किमी
• विसर्जन - शिवनाथ नदी में।
• तटीय स्थल - 1. देवरघटा, 2. मल्हार
• विशेष - इस नदी के तट पर मल्हार स्थित है।
2. हसदेव नदी (Hasdev River)
• उद्गम - देवगढ़, सोनहत पठार (कोरिया)
• विसर्जन - केरा - सिलादेही के समीप महानदी में।
• कुल लम्बाई - 176 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - कोरिया, कोरबा, जांजगीर चांपा।
• तटीय नगर - कोरबा, चांपा, पीथमपुर।
• सहायक नदी - तान, झींग, उतेंग, अहिरन, चोरनई।
• जलप्रपात - अमृतधारा, गावर घाट।
• परियोजना - हसदेव बांगो परियोजना (मिनीमाता परियोजना 1967)
• विशेष -
• हसदेव नदी घाटी कोयला खदानों के लिए प्रसिद्ध है।
• हसदेव रामपुर कोयला क्षेत्र सरगुजा तक विस्तृत है।
• नदी जोड़ो परियोजना के तहत अहिरन और खारंग नदी को जोड़ा गया है।
3. मांड नदी (Mand River)
• प्राचीन नाम - मांगदा, मंदवाहिनी
• उद्गम - मैनपाट (सरगुजा)
• विसर्जन - चंद्रपुर के समीप महानदी में
• कुल लम्बाई - 155 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर चांपा।
• जलप्रपात - सरभंजा (सरगुजा)
• विशेष - मांड नदी घाटी में कोयले की प्राप्ति होती है।
4. केलो नदी (Kelo River)
• उद्गम - लुड़ेग पहाड़ी, लैलूंगा तहसील (रायगढ़)
• विसर्जन - ओडिशा में महादेवपाली नामक स्थल के समीप।
• सहायक नदी - कोलडेगा व राजर।
• तटीय शहर - रायगढ़
• परियोजना - केलो नदी परियोजना।
5. ईब नदी (Eb River)
• उद्गम - खुरजा पहाड़ी के रानीझूला नमक किस स्थान से, पंडरापाट
(जशपुर)
• कुल लम्बाई - 202 किमी, छत्तीसगढ़ में 87 किमी बहती है।
• सहायक नदी - सिरीनदी, खोरुंग नदी, डोरकी नदी एवं मैनी नदी।
• जलप्रपात - गुल्लु, बेने एवं छुरी जलप्रपात (जशपुर)
• विशेष - इस नदी के रेत में सोने के कण पाए जाते हैं।
गोदावरी अपवाह तंत्र
प्रवाह दिशा - गोदावरी प्रवाह बेसिन छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है।
परियोजना - पोलावरम परियोजना जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश
के बीच विवादित है।
विशेष - गोदावरी नदी छत्तीसगढ़ के दक्षिण पश्चिम सीमा (बीजापुर) पर
भद्रकाली से कोट्टरू तक 15 किलोमीटर तक बहती है।
गोदावरी अपवाह तंत्र की प्रमुख नदियाँ -
1. इंद्रावती नदी (Indravati River)
• प्राचीन नाम - मंदाकिनी
• उद्गम - मुंगेर पर्वत, कालाहांडी (ओडिशा)
• विसर्जन - भद्रकाली नामक स्थान के निकट
• कुल लम्बाई - 264 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर।
• तटीय स्थल - जगदलपुर, बारसूर और भोपालपट्टनम।
• जलप्रपात -
चित्रकोट जलप्रताप (बस्तर)
सातधारा जलप्रताप (बीजापुर)
• विशेष -
इंद्रावती नदी बस्तर संभाग की जीवन रेखा कहलाती है।
यह गोदावरी बेसिन एवं बस्तर के पठार की सर्वप्रमुख नदी है।
यह एक अध्यारोपित नदी है।
इंद्रावती की सहायक नदी -
कोटरी नदी
• प्राचीन नाम - परलकोट
• उद्गम - राजहरा की पहाड़ी
• विसर्जन - इंद्रावती नदी में (बीजापुर)
• कुल लम्बाई - 135 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - राजनांदगांव, नारायणपुर, बीजापुर।
• बेसिन - कोटरी नदी बेसिन छत्तीसगढ़ के दक्षिण-पश्चिम दिशा में
स्थित है।
नारंगी नदी
• उद्गम - माकड़ी (कोंडागांव)
• विसर्जन - इंद्रावती नदी में
• तटीय स्थल - कोंडागांव
डंकिनी नदी
• उद्गम - डांगरी क्षेत्र (दंतेवाड़ा)
• विसर्जन - इंद्रावती नदी में।
• सहायक नदी - शंखिनी नदी
• विशेष - डंकिनी शंखिनी नदी के संगम पर दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी
मंदिर स्थित है।
शंखिनी नदी
• उद्गम - नंदीराज चोटी, बैलाडीला पहाड़ी (दंतेवाड़ा)
• विसर्जन - डंकिनी नदी में
• विशेष -
शंखिनी नदी का जल रक्ताभ (लाल) है।
यह सबसे प्रदूषित नदी है।
निबरा नदी
• उद्गम - अंतागढ़
• विसर्जन - इंद्रावती नदी (भैरमगढ़ के समीप)
गुडरा नदी
• उद्गम - अबूझमाड़ (नारायणपुर)
• विसर्जन - इंद्रावती (बारसूर)
निवरा नदी
• उद्गम - माकड़ी (कोंडागांव)
• विसर्जन - इंद्रावती नदी में
• तटीय स्थल - कोंडागांव
बोरडिंग नदी
• उद्गम - कोंडागांव
• विसर्जन - इंद्रावती (बोधघाट के समीप)
2. शबरी नदी (Shabri River)
• प्राचीन नाम - कोलाब नदी
• उद्गम - नंदपुर पर्वत, कोरापुट क्षेत्र (ओडिशा)
• विसर्जन - आंध्रप्रदेश के कुनावरम के समीप गोदावरी नदी में
• कुल लम्बाई - 173 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - बस्तर, सुकमा।
• सहायक नदी - कांगेर, मालेगर।
• जलप्रपात - गुप्तेश्वर जलप्रपात, रानीदहरा।
• जल परिवहन - 36 किमी कोंटा (सुकमा) से आंध्रप्रदेश के
कुनावराम तक।
• विशेष -
राज्य की एकमात्र नदी जिसमें जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध है।
कांगेर नदी में भैंसादहरा नामक स्थान पर प्राकृतिक रूप से मगरमच्छ का संरक्षण
किया जाता है।
मुनगाबहार नदी कांगेर नदी की सहायक नदी है जिसमें तीरथगढ़ जलप्रपात है।
3. बाघ नदी (Bagh River)
• उद्गम - कुलझारी पहाड़ी (राजनांदगांव)
• विसर्जन - वेनगंगा नदी के माध्यम से गोदावरी नदी में।
• विशेष - यह छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा बनाती है।
सोन/गंगा नदी अपवाह तंत्र
सोन नदी अपवाह तंत्र की प्रमुख नदियाँ -
1. बनास नदी
• उद्गम - मांझटोली की पहाड़ी से भरतपुर तहसील (कोरिया)
• जलप्रपात - रामदा जलप्रपात
2. गोपद नदी
• उद्गम - सोनहत पठार (कोरिया से)
3. नेयुर नदी
• यह मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मध्य सीमा रेखा बनाती है
4. रिहन्द नदी
• उद्गम - छुरी मतिरिंगा का पहाड़ी, अंबिकापुर तहसील (सरगुजा)
• विसर्जन - सोन नदी (सोनभद्र जिला)
• कुल लम्बाई - 145 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - सरगुजा, सुरजपुर, बलरामपुर
• तटीय स्थल - महेशपुर (सरगुजा)
• सहायक नदी - घुनघुट्टा, मोरनी, महान, सूर्या, गोबरी।
• जलप्रपात - रक्सगंडा (सूरजपुर)
• परियोजना - गोविंद बल्लभ पंत जलाशय / रिहंद बांध मिर्जापुर (उत्तर
प्रदेश)
• विशेष - रिहंद नदी सरगुजा की जीवन रेखा कहलाती है।
5. कन्हार नदी
• उद्गम - बखोना चोटी, गिधा-धोधी (खुड़िया पठार) जशपुर।
• विसर्जन - सोन नदी (सोनभद्र जिला)
• कुल लम्बाई - 115 किमी
• प्रवाह क्षेत्र - जशपुर, बलरामपुर
• तटीय स्थल - डीपाडीह (बलरामपुर)
• सहायक नदी - पेंजन, सिंदूर, गलफुला एवं चनान आदि।
• जलप्रपात - कोठली जलप्रपात
• विशेष - यह नदी छत्तीसगढ़ एवं झारखंड की सीमा बनाती है।
ब्राह्मणी नदी अपवाह तंत्र
प्रवाह क्षेत्र - 1.423 लाख हेक्टेयर में विस्तारित है।
ब्राह्मणी नदी अपवाह तंत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ -
1. शंख नदी (छत्तीसगढ़)
2. कोयल नदी (झारखंड)
नर्मदा नदी अपवाह तंत्र
नर्मदा अपवाह तंत्र की प्रमुख नदियाँ -
1. बंजर2. ताडा
3. जोहिला नदी
• बंजर एवं टाडा दोनों नदियाँ कवर्धा जिले से निकलती है।
• बंजर नदी पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे लम्बी नदी है।
• बंजर एवं टाडा दोनों नदियाँ कवर्धा जिले से निकलती है।
• बंजर नदी पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे लम्बी नदी है।
जिलों के मध्य नदियों की सीमा रेखा -
कबीरधाम जिला / मुंगेली जिला - हाफ नदीमुंगेली जिला / बिलासपुर जिला - मनियारी नदी
बिलासपुर जिला / जांजगीर चाम्पा जिला - लीलागर नदी
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