छत्तीसगढ़ के अभ्यारण्य | Sanctuaries in chhattisgarh | CG GK Online

Chhattisgarh ke abhyaran

अभ्यारण्य का अर्थ है अभय + अरण्य जिसका अर्थ होता है बिना किसी भय के वन्यजीव घूम सकें, ऐसा अरण्य या वन। प्रशासनिक आधार पर संरक्षित वनो में वन्य जीवो के संरक्षण व संवर्धन हेतु अभ्यारण्य की स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य पशु, पक्षी या वन संपदा को संरक्षित करना होता है। साथ ही उसका विकास करना व शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में उसकी मदद लेना होता है। इन क्षेत्रों में शासन के द्वारा मानव प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर वन्य जीवों को उन्मुक्त प्राकृतिक वातावरण प्रदान किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अभ्यारण की स्थापना की गई है जो संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आते है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा कुल 11 अभ्यारण्य स्थापित किये गए है।

छत्तीसगढ़ राज्य के अभ्यारण्य


छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 11 अभ्यारण्य है -

अभ्यारण
जिला
स्थापना वर्ष
क्षेत्रफल
1. तमोरपिंगला
1978
608 वर्ग किमी
2. सेमरसोत
1978
430 वर्ग किमी
3. बादलखोल
1975
105 वर्ग किमी
4. गोमर्डा
1975
278 वर्ग किमी
5. बारनवापारा
1976
245 वर्ग किमी
6. उदयन्ती
1983
230 वर्ग किमी
7. सीतानदी
1974
559 वर्ग किमी
8. अचानकमार
1975
552 वर्ग किमी
9. भोरमदेव
2001
352 वर्ग किमी
10. भैरमगढ़
1983
139 वर्ग किमी
11. पामेड़
1983
265 वर्ग किमी

संक्षिप्त वर्णन


Chhattisgarh ke abhyaran

1. तमोरपिंगला (Tamorpingla)

■  जिला - सूरजपुर
■  स्थापना - 1978
■  क्षेत्रफल - 608 वर्ग किमी
■ विशेषताएँ -
• सर्वाधिक मात्रा में नीलगाय पाई जाती है।
• इस अभ्यारण्य से होकर रिहंद नदी बहती है।
• इस अभ्यारण्य को गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के साथ टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया है।
• यह क्षेत्रफल की दृष्टि छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी अभ्यारण्य है।

2. सेमरसोत (Semarsot)

■ जिला - बलरामपुर
■ स्थापना - 1978
स्थित - अंबिकापुर - डाल्टनगंज रोड पर स्थित है।
■ क्षेत्रफल - 430 वर्ग किमी
■ विशेषताएँ -
• सर्वाधिक मात्रा में नीलगाय पाया जाता है ।
• यहां से कर्क रेखा गुजरती है। 
• दर्शनीय स्थल - 1. पवई जलप्रपात 2. तातापानी

3. बादलखोल (Badalkhol)

■ जिला - जशपुर
■ स्थापना - 1975
■ क्षेत्रफल - 105 वर्ग किमी
वन्यजीव - हाथी
■ विशेषताएं -
• छ.ग का सबसे छोटा अभ्यारण्य है ।

4. गोमर्डा (Gomarada)

■ जिला - सारंगढ़ - बिलाईगढ़
■ स्थापना - 1975
■ क्षेत्रफल - 278 वर्ग किमी
वन्यजीव - सोनकुत्ता, वनभैंसा
■ विशेषताएं -
• सोनकुत्ता पाया जाता है ।

5. बारनवापारा (Barnawapara)

■ जिला - बलौदाबाजार
■ स्थापना - 1976
■ क्षेत्रफल - 245 वर्ग किमी
नामकरण - बार - नवापारा नामक वन्यग्राम के आधार पर
वन्यजीव - यहां रहने वाले जीव में धामन नाग अजगर करैत आदि सर्प प्रमुख है। वन्य जीवन में तेंदुआ, लकड़बग्घा, जंगली सूअर, बारहसिंगा, सांभर, चीतल, बंदर आदि।
■ विशेषताएँ -
• शाकाहारी जानवर पाए जाते हैं। साथ ही सर्वाधिक सर्प पाये जाते हैं।
• बारनवापारा अभ्यारण्य के बीचों बीच बलमदेई नदी गुजरती है। जिसमें देवधारा जलप्रपात स्थित है।
• तुरतुरिया आश्रम (बलौदाबाजार) स्थित है। (वाल्मिकी आश्रम में लवकुश का जन्म हुआ था)।
• बारनवापारा वन्यग्राम महासमुंद में है किन्तु इस अभ्यारण्य का अधिकतम भाग बलौदाबाजार जिले में है।

6. उदन्ती (Udanti)

■ जिला - गरियाबंद
■ स्थापना - 1983
■ क्षेत्रफल - 230 वर्ग किमी
■ विशेषताएँ -
• उदन्ती अभ्यारण्य के बीच में उदयन्ती नदी बहती है, जिसमें गोदना जलप्रपात स्थित है।
• 2009 से टाइगर रिजर्व में शामिल है एवं 2006 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया था।
• सर्वाधिक मात्रा में वनभैंसा एवं मोर पाए जाते है।
• उदन्ती अभ्यारण्य में करनाल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा शोध किया जा रहा है।
• उदंती अभयारण्य में मादा वनभैंसा का जन्म हुआ था जिसका नाम दीपआशा है।
• उदंती अभ्यारण्य में करनाल इंस्टीट्यूट (हरियाणा) द्वारा शोध किया गया था।

7. सीतानदी (Sitanadi)

■ जिला - धमतरी
■ स्थापना - 1974
■ क्षेत्रफल - 559 वर्ग किमी
■ विशेषताएं -
• सीतानदी छत्तीसगढ़ का सबसे प्राचीन अभ्यारण्य है।
• सीतानदी अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ प्रदेश का दूसरा बड़ा अभ्यारण्य है।
• 2009 से टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया। सन 2006 में उदयन्ती के साथ प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
• सर्वाधिक मात्रा में तेंदुआ पाया जाता है।

8. अचानकमार (Achanakmar)

■ जिला - मुंगेली
■ स्थापना - 1975
■ क्षेत्रफल - 552 वर्ग किमी
वन्यजीव - बाघ (सर्वाधिक संख्या में)
■ विशेषताएं -
• अचानकमार अभ्यारण्य देश का 14 वां बायोस्फीयर रिजर्व है।
• अचानकमार के बीचों बीच मनियारी नदी बहती है।
• बायोस्फीयर रिजर्व - 2005 अचानकमार - अमरकंटक क्रमांक 14
• 2009 से टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया है, एवं 2006 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया है।
• सर्वाधिक मात्रा में बाघ पाया जाता है।
• वर्ष 2012 में मानव और जैवमंडल (MAB) की सूची में शामिल किया गया।

9. भोरमदेव (Bhoramdev)

■ जिला - कवर्धा
■ स्थापना - 2001
■ क्षेत्रफल - 352 वर्ग किमी
■ वन्यजीव - गेको (एक प्रकार का सरीसृप), ऑरेंज ऑफलीक नमक तितली पाई जाती है। जिसे नवंबर 2021 में राष्ट्रीय तितली चुना गया।
■ नामकरण - भोरमदेव मंदिर के नाम पर
■ विशेषता -
• भोरमदेव अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ का सबसे नवीन अभ्यारण्य है।

10. भैरमगढ़ (Bhairamgarh)

■ जिला - बीजापुर
■ स्थापना - 1983
■ क्षेत्रफल - 139 वर्ग किमी
वन्यजीव - वनभैंसा, बाघ

11. पामेड़ (Pamed)

■ जिला - बीजापुर
■ स्थापना - 1983
■ क्षेत्रफल - 265 वर्ग किमी
■ वन्यजीव - वनभैंसा, बाघ

महत्वपूर्ण तथ्य


• छत्तीसगढ़ का सबसे प्राचीन अभ्यारण्य - सीतानदी
• छत्तीसगढ़ का सबसे नवीनतम अभ्यारण्य - भोरमदेव
• छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अभ्यारण्य - तमोरपिंगला
• छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा अभ्यारण्य - बादलखोल
• छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक सोनकुत्ता वाला अभ्यारण - गोमर्डा
• छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक बाघ वाला अभ्यारण - अचानकमार
• छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक नीलगाय वाला अभ्यारण - तमोरपिंगला, सेमरसोत
• छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक वनभैसा एवं मोर - उदयन्ती
• छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक तेंदुआ वाला अभ्यारण - सीतानदी

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