बस्तर जिला | बस्तर जिले का इतिहास एवं सामान्य परिचय | Bastar District

बस्तर, छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिण दिशा में स्थित जिला है। बस्तर जिले एवं बस्तर संभाग का मुख्यालय जगदलपुर शहर है। बस्तर जिले का क्षेत्रफल 6596.90 वर्ग किलोमीटर है। बस्तर जिला छत्तीसगढ़ के कोंडागांव, सुकमा, बीजापुर जिलों से घिरा हुआ है। बस्तर जिले की जनसंख्या वर्ष 2011 में 834375 थी। बस्तर की जनसंख्या मे 70 प्रतिशत जनजातीय समुदाय जैसे गोंड, मारिया, मुरिया, भतरा, हल्बा, धुरुवा समुदाय हैं। जनजातियों की जनसंख्या अधिक होने के कारण बस्तर को जनजातियों की भूमि भी कहा जाता है

Bastar District

बस्तर जिला सरल स्वाभाव जनजातीय समुदाय और प्राकृतिक सम्पदा संपन्न हुए प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सुखद वातावरण का भी धनी है। साल वृक्षों की अधिकता के कारण बस्तर जिले को साल वनों का द्वीप कहा जाता है। बस्तर जिला घने जंगलों, ऊँची, पहाड़ियों, झरनों, गुफाओ एवं वन्य प्राणियों से भरा हुआ है। बस्तर जिले के लोग दुर्लभ कलाकृति, उदार संस्कृति एवं सहज सरल स्वभाव के धनी हैं।

बस्तर जिले का सामान्य परिचय


1948
जिला मुख्यालय
जगदलपुर
सीमावर्ती जिले (4)
सीमावर्ती राज्य (1)
ओडिशा
1. बस्तर, 2. जगदलपुर, 3. दरभा, 4. तोकापाल, 5. बस्तानार, 6. लोहण्डीगुड़ा, 7. बकावंड
विकासखण्ड (7)
1. बस्तर, 2. जगदलपुर, 3. दरभा, 4. तोकापाल, 5. बस्तानार, 6. लोहांडीगुड़ा, 7. बकावंड
1. जगदलपुर
लोकसभा क्षेत्र (1)
1. बस्तर (ST)
विधानसभा क्षेत्र (3)
1. बस्तर (ST), 2. चित्रकोट (ST), 3. जगदलपुर
प्रमुख जनजाति
परजा, धुरवा, मुरीया
राष्ट्रीय राजमार्ग
NH 30 (कवर्धा-बेमेतरा-रायपुर-धमतरी-कांकेर-कोंडागांव-बस्तर-सुकमा)
NH 63 (बीजापुर-दंतेवाड़ा-जगदलपुर-विशाखापट्टनम)
पिनकोड
494223
आधिकारिक वेबसाइट

• मिट्टियां -

• बस्तर के ढलान में पाई जाने वाली मिट्टी को टिकरा कहते हैं।
• उच्च से निम्न की ओर मिट्टियों का क्रम है।
मरहान > टिकरा > माल/बाड़ी > गभार

• खनिज -

1. हीरा - तोकापाल
2. बॉक्साइट - आसना, तारापुर, कुदारवाही
3. अभ्रक - दरभाघाटी
4. डोलोमाइट - तिरियामचकोट, जीरागांव, डोकरी पखना

• औद्यौगिक  क्षेत्र-

1. धुरागांव
2. कुचला

• शिक्षा -

1. महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय, जगदलपुर (2008)
2. गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय, जगदलपुर
3. स्वर्गीय बलीरम कश्यप शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, जगदलपुर
4. शासकीय तकनीकी महाविद्यालय, जगदलपुर

• हवाई अड्डा -

1. मां दंतेश्वरी हवाई अड्डा, जगदलपुर

• उद्योग -

1. नगरनार इस्पात संयंत्र, बस्तर (NMDC द्वारा संचालित)

• प्रमुख नदियां -

1. शबरी नदी
बस्तर जिले के पूर्वी भाग में बहती है।

2. इंद्रावती नदी
बस्तर जिले के उत्तरी भाग में बहती है।

2. कांगेर नदी
• यह शबरी नदी की एक सहायक नदी है जिसके दोनों तरफ निर्मित घाटी को कांगेर घाटी के नाम से जानते हैं।
• किस नदी पर भैंसादरहा के समीप मगरमच्छ पाए जाते हैं।

2. मुनगाबहार नदी
• कांगेर नदी की सहायक नदी है।
• मुनगाबहार नदी पर तीरथगढ़ जलप्रपात स्थित है।

• राष्ट्रीय उद्यान -

1. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
स्थापना - 1982
क्षेत्रफल - 200 वर्ग किमी
विस्तार - तीरथगढ़ जलप्रपात से ओड़शा सीमा रेखा तक।
विशेष -
• छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है।
• एशिया का सर्वप्रथम बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था जो वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है।
• भैंसादरहा नामक स्थान पर प्राकृतिक रूप से मगरमच्छों का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है।

• जलप्रपात -

1. चित्रकोट जलप्रपात
• चित्रकोट जलप्रपात इंद्रावती नदी पर स्थित है।
• भारत का नियाग्रा कहा जाता है।
• चित्रकोट जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा जलप्रपात है।
• मौसम के अनुसार पानी का रंग बदलते रहता है।

2. तीरथगढ़ जलप्रपात
• यह कई खण्डों में गिरती है।
• मुनगाबहार नदी पर कांगेर घाटी क्षेत्र स्थित है।

3. तामड़ा घूमर जलप्रपात

4. चित्रधारा जलप्रपात

5. महादेव जलप्रपात

6. मड़वा जलप्रपात

• गुफाएं -

1. कुटुमसर की गुफा
2. कैलाश गुफा
3. कांगेर करपन गुफा
4. दंडक गुफा
5. देवगिरी गुफा
6. शीत गुफा
7. अरण्यक गुफा

• घाटी -

1. दरभाघाटी

2. विनताघाटी
• तामड़ा घूमर जलप्रपात स्थित है।
• विनताघाटी को बस्तर का कश्मीर कहा जाता है।
• विनताघाटी दंडकारण्य का सबसे सुंदर घाटी है।

3. कांगेर घाटी
• कांगेर नदी के दोनो तरफ निर्मित है।
• कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में स्थित है।
• कुटुमसर की गुफा कांगेर घाटी में स्थित है।

• सिंचाई परियोजना -

1. झीरप नदी परियोजना - झीरम नदी पर
2. कोसारटेड़ा - इंद्रावती नदी पर

बस्तर जिले का इतिहास

ऐतिहासिक रूप से बस्तर क्षेत्र महाकाव्य रामायण में दंडकारण्य और महाभारत में कोसाला साम्राज्य का हिस्सा है।
बस्तर रियासत 1324 ईस्वी के आसपास स्थापित हुई थी, जब अंतिम काकातिया राजा, प्रताप रुद्र देव (1290-1325) के भाई अन्नाम देव ने वारंगल को छोड़ दिया और बस्तर में अपना शाही साम्रज्य स्थापित किया। महाराजा अन्नम देव के बाद महाराजा हमीर देव, बैताल देव, महाराजा पुरुषोत्तम देव, महाराज प्रताप देव, दिकपाल देव, राजपाल देव ने शासन किया। बस्तर शासन की प्रारंभिक राजधानी बस्तर शहर में बसाई गयी, फिर जगदलपुर शहर में स्थान्तरित की गयी। बस्तर में अंतिम शासन महाराजा प्रवीर चन्द्र भंज देव (1936-1948) ने किया। महाराजा प्रवीर चन्द्र भंज देव बस्तर के सभी समुदाय,  मुख्यतः आदिवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। "दंतेश्वरी" जो अभी भी बस्तर क्षेत्र  की आराध्य देवी है , प्रसिद्ध दांतेश्वरी मंदिर  दंतेवाड़ा में उनके नाम पर रखा गया है।
1948 में भारत के राजनीतिक एकीकरण के दौरान बस्तर रियासत को भारत में विलय कर दिया गया।

बस्तर जिले में पर्यटन स्थल

जगदलपुर

• बस्तर जिला का जिला मुख्यालय।
• यह इंद्रावती नदी के तट पर बसा है।
• जगदलपुर का प्राचीन नाम जगदुगुड़ा था।
• राजा ने राजधानी के लिए जगदु माहरा से जमीन खरीदी और अपनी राजधानी बनाई, बाद में इसे रूद्रदेव द्वारा सुव्यवस्थित ढंग से बसाया।
• चौराहों का शहर (रूद्रप्रताप देव के द्वारा बनाया गया।)
• दलपतदेव ने इसे अपना राजधानी बनाया था।
• जगदलपुर राजमहल परिसर में दंतेश्वरी मंदिर स्थापित है।
• एशिया का सबसे बड़ा इमली मण्डी जगदलपुर में है।
• छत्तीसगढ़ का एकमात्र वनपाल प्रशिक्षण विद्यालय स्थित है।
• हस्तशिल्प कॉम्प्लेक्स की स्थापना की जा रही है।
• जगदलपुर में काजू शोध केन्द्र स्थित है।
• दूसरा सबसे बड़ा वनवृत्त, जगदलपुर है।

1. एन्थ्रोपोलॉजिकल म्यूजियम -
• मानवशास्त्रीय अजायबघर 
• 1972 में स्थापित
• भारत सरकार के 'एन्थ्रोपोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया' द्वारा संचालित है।
• यहां जनजातियों के संस्कृति एवं उनकी जीवनशैली की विभिन्न आदर्श रूप साक्ष्य रखे हैं।

2. जिला पुरातत्व संग्रहालय - 1988 में स्थापित किया गया है।

3. दलपत सागर -
• यह विशाल तालाब है जो छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा झील है।
विस्तार - 385 एकड़ में
निर्माणकर्ता - काकतीयवंशी शासक दलपतदेव - 
प्राचीन नाम - भूपालताल
• यहां माड़िया दम्पत्ति और उनके बच्चों की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है ।

4. जगदलपुर में शहीद पार्क, मृगनयनी एम्पोरियमअभिनंदन पार्कलामली पार्क स्थित है।

5. आदिवासी संग्रहालय - ओडिशा के तर्ज पर प्रस्तावित

गुढ़ियारी, केशरपाल, शिव मंदिर

• मंदिर - भगवान शिव का (प्रतिमा - उमा - महेश्वर व गणेश) • निर्माणकर्ता - राजा जयसिंह द्वारा (13 वीं शताब्दी)

मुचकी हुंगा का मृतक स्तंभ, डिलमिली

• आदिवासी नायक "मुचकी हुंगा माड़िया" का मृतक स्तंभ स्थित है।
• दंतेवाड़ा मार्ग पर डिलमिली के निकट स्थित है।
• यह काष्ठ से निर्मित स्तंभ मूलतः एक जयस्तंभ है , जिसमें विभिन्न आदिवासी नायकों की जीवनी प्रतीकों के माध्यम से उकेरी गयी है।

नारायणपाल

विष्णु मंदिर एवं भद्रकाली मंदिर स्थित है।

बुरुंगपाल

• देश का एकमात्र संविधान मंदिर 
• स्थापना - 1992
• विशेष - यहां पर संविधान की पांचवीं अनुसूची की प्रावधान लिखे गये हैं।

ढोडरेपाल

जीर्ण अवस्था में विश्वकर्मा का मंदिर है।

अन्य पर्यटन स्थल

1. देवगिरी गुफा
2. शिवमंदिर गुमड़पाल
3. शिवमंदिर सिंघईगुड़ी
4. चिंगीतराई का शिवमंदिर
5. देवरली मंदिर ढोढरेपाल

बस्तर जिले में विशेष

• बस्तर काकतीय राजाओं की तीसरी राजधानी थी (प्रथम राजधानी - मंधोता)

• 14 देशी रियासतों में सबसे बड़ी रियासत बस्तर थी।

• बस्तर रियासत के राजा काकतीय वंशीय थे।

• रियासत के विलय पत्र पर प्रवीरचन्द्र भंजदेव ने हस्ताक्षर किया है।

• छत्तीसगढ़ में बुनियादी बीज गुणन और प्रशिक्षण केन्द्र, केंद्रीय रेशम बोर्ड, रेशम केन्द्र स्थित है।

• बस्तर दशहरा - यह लोकपर्व जगदलपुर में 75 दिनों तक मनाया जाता है।

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