छत्तीसगढ़ी जोड़ी शब्द | छत्तीसगढ़ी व्याकरण | Chhattisgarhi Couple Words CG Grammar

छत्तीसगढ़ी जोड़ी सब्द - संगिया, सर्वनाम नइते बिसेसन सब्द मन संग जोड़ी के रूपमा उपयोग होवइया सब्द मन ला जोड़ी सब्द केहे जाथे। जोंड़ी सब्द होय के सेती इंकर उपयोग भाखा बोलइया मन एके संग करथे। बेवहार मा अइसन कतकोकन जोड़ी सब्द उपयोग मा आथे जिकर न सिरिफ बर्तनी भलुक अर्थ मा घलो फरक मिलथे। अर्थ मा फरक होय के बाद घलो भाखा भखइया मन के मुहुं ले सुभाविक निकले ये सब्द मन भाखा मा कसावट अउ बोल ला लचकदार बना देथें। एकर सेती भाखा गुरतुर लागथे। छत्तिसगढ़ी मा अइसन जोंड़ी सब्द के संखिया गजब मिलथे।

Chhattisgarhi Jodi Shabd

छत्तीसगढ़ी जोड़ी सब्द के परकार छत्तिसगढ़ी मा जोंड़ी सब्द मन के विभाजन अइसन ढंग ले करे जा सकथे -

1. अर्थ के आधार मा
2. सब्द रूप के अधार मा
3. सुभाव के आधार मा

1. अर्थ के अधार मा -

A. बिना अर्थ वाले जोड़ी सब्द 
B. अर्थ वाले जोड़ी सब्द

A. बिना अर्थवाले जोड़ी सब्द - अइसन जोंड़ी के दूसरा सब्द बिना अर्थ वाले होथे जइसे उदहारन -

मनखे - तनखे (मनुष्य)
करिया - वरिया (काला)
रूख - राई (वृक्ष)
नदिया - वदिया (नदी)
पँडरी - वंडरी (गोरी)
गरूवा - वरूवा (जानवर)
कुकुर - माकर (कुत्ता)
चना - वना (चना)
साग - वाग (सब्जी)
भाजी - वाजी (भाजी)
कचरा - वचरा (कचड़ा)
पूँजी - पसरा (पूंजी)
रद्दा - वदा (रास्ता)
राहेर - वाहेर (अरहर)
गहूँ - वहूँ (गेहूँ)
नाँव - वाँव (नाम)
मनखे - तनखे (मनुष्य)
खेत - मेत (खेत)

B. अर्थवाले जोड़ी सब्द - अइसन जोंड़ी के दुनों सब्द अर्थवाले होथे। एकर ले बाक्य अउ भाव ला आघू बढ़ाय मा सहायता मिलथे। जइसे उदाहरन -

घर - दुवार (घर - द्वार)
नदिया - नरवा (नदी - नाला)
जात - बरन (जाति - वर्ण)
मुंड - गोड़ (सिर - पैर)
सूपा - चरिहा (सूप - डलिया)
दुबर - पातर (दुबला - पतला)
उक्त - बुड़त (उगते - डुबते)
छोट - मोट (छोटा - मोटा)
चांउर - दार (चांवल - दाल)
दूद - पानी (दूध - पानी)
जेवन - पानी (भोजन - पानी)
उत्ती - बुड़ती (पूर्व - पश्चिम) 
संझा - बिहिनियाँ (शाम - सुबह)
आवत - जावत (आते - जाते)
गाँव - गंवतरी (अपना गाँव - पराया गाँव)
खावत - पीयत (खाते - पीते)
उठत - बठइत (उठते - बैठते)
हँसते - गावत (हँसते - गाते)

2. सब्द रुप के अधार मा -

A. संगिया सब्द वाले जोंड़ी 
B. सर्वनाम सब्द वाले जोंड़ी 
C. बिसेसन सब्द वाले जोड़ी

A. संगिया सब्द वाले जोड़ी - 

काम - पान (धान - पानी)
साँप - बिच्छी (सर्प - बिच्छू)
सुतई - बइठई (सोने - बैठने का भाव)
चाहा - पानी (चाय - पानी)
दार - भात (दाल - भात)
नोनी - बाबू (लड़की - लड़का)
जमीन - जइजाद (जमीन - धन)
आँखी - कान (आँख - कान)
बइला - भँइस्सा (बैल - भैंस)
अपन - बिरान (अपना - पराया)
नाँगर - कोप्पर (हल - कोपर)

B. सर्वनाम सब्द वाले जोंडी तोर - 

तोर - मोर (तुम्हारा - मेरा) 
येदे - वोदे (यहां - वहां) 
जउन - तउन (जो - वह) 
तुहर - हमर (तुम्हारा - हमारा) 
ते - में (तुम - मै)
एकर - वोकर (इसका - उसका) 

C. बिसेसन सब्द वाले जोडी कारी - 

कारी - सँवरेंगी (काली - साँवली) 
बइठे - ठाढ़े (बैठे - खड़े) 
करू - कसा (कड़वा - कसैला) 
हरू - गरू (हल्का - वजनी) 
रोवत - गावत (रोते - गाते) 
लाली - गुलाबी (लाल - गुलाबी) 
पिंयर - पातर (पीली - पतली) 
छोटे - बड़े (छोटा - बड़ा) 
मोट्ठा - पातर (मोटा - पतला) 
बाठू - लमगोडू (बौना - लंबू) 
बाढ़े - पूरे (बढ़ा हुआ - पूरा) 
गँजेड़ी - भगेड़ी (गाँजा पीनेवाला- भाँग खानेवाला) 
करिया - पँडरा (काला - श्वेत) 
कोदो - साँवर (कोदो - सांवला) 
भैइसा - भाकुर (भैसा - मोटा)
झुठ - लबारी (मिथ्या - झूठ) 

3. सुभाव के आधार मा -

A. जरूरत के सब्द वाले जोड़ी 
B. बिकल्प वाले जोड़ी सब्द 
C. बिपरीत गुनवाले जोंड़ी सब्द 
D. आनेबोलवाले समान अर्थ के जोंड़ी 

A. जरूरत के सब्द वाले जोड़ी -

चंवर - गहूं (चावल - गेहूँ) 
खटिया - पिड़हा (खाट - पाटा) 
गत - गढ़न (दशा - बनावट) 
बियारा - बखरी (खलिहान - बाड़ी) 
भाँटा - भाजी (भटा- भाजी) 
पागी - पटका (पतलून - गमछा) 
चना - चरबन (चना अन्य खाद्य) 
खेत - खार (खेत - खुला भू - भाग)
तरिया - डबरी (तालाब - गड्ढा) 
तेल - फूल (तेल - फूल)
हाट - बाट (बाजार - मार्ग) 
हाँत - गोड़ (हाथ - पैर)
मुही - पार (जल निकास द्वार - मेड़)

B. बिकल्प वाले जोड़ी -

भाँचा - भतीजा (भानजा - भतीजा) 
चाहा - पानी (चाय - पानी)
कका - बड़ा (चाचा - ताऊ) 
गुर - सक्कर (गुड़- शक्कर) 
पथरा - ढेला (पत्थर - मृदापिंड)
बइला - भंइस्सा (बैल - भैसा)
थारी - बटकी (थाली - कटोरानुमा पात्र) 
रद्दा - बाट (रास्ता - पगदंडी)
खोचका - डीपरा (गढ़ा - टीला)
गाँसा - पठार (गड्ढा - उभरा स्थल)
घाम - छांव (धूप - छाया)
कांदी - भूसा (घास - भूसा)

C. बिपरित गुनवाले जोड़ी -

आगी - पानी (आग - पानी)
घर - बन (घर - वन)
संझा - बिहिनियाँ (शाम - सुबह)
जर - मुंड (जड़ - शीश)
जाड़ा - घाम (ठंड - धूप)
पथरा - माटी (पत्थर - मिट्टी)
जूड़ - तात (ठंडा - गर्म)
झुक्खा - गिल्ला (सुखा - गीला)
आवा - जाही (आना - जाना)
आघू - पाछू (आगे - पीछे)
सुख - दुख (सुख - दुख)
धरम - अधरम (धर्म - अधर्म)
चिन्हार - अनचिन्हार (परिचित - अपरिचित)
गोठ - बात (चर्चा)

D. आने बोलवाले समान अर्थ के जोड़ी -

मोहो - मायाँ (मोह - ममता)
मान - सनमान (मान - सम्मान)
गरव - गुमान (घमंड)
तन - बदन (शरीर)
परवा - छान्हीं (छप्पर)
धूरी - कुधरिल (धूल)
झाला - खोंधरा (घोसला)
लागा - बोड़ी (कर्ज)
बात - बानी (वचन)
संगी - साथी (मित्र)
चोर - चिलहाट (चोर)
हीरू - बिछिरू (जहरीले)
हितवा - मितवा (मित्र)
सगा - सोदर ( पारिवारिक)
जान - पहिचान (परिचित लोग)

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• छत्तीसगढ़ी अनेकार्थी शब्द
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