मुंगेली जिले का सामान्य परिचय
01 जनवरी 2012
|
|
जिला मुख्यालय
|
मुंगेली
|
मातृ जिला
|
|
सीमावर्ती जिले (5)
|
|
सीमावर्ती राज्य (1)
|
मध्यप्रदेश
|
तहसील (4)
|
1. मुंगेली, 2. लोरमी, 3. पथरिया, 4. लालपुर थाना, 5. जरहागांव
|
विकासखंड (3)
|
1. मुंगेली, 2. लोरमी, 3. पथरिया
|
नगर पालिका परिषद (1)
|
1. मुंगेली
|
विधानसभा क्षेत्र (2)
|
1. मुंगेली (SC), 2. लोरमी
|
पिनकोड
|
495334
|
आधिकारिक वेबसाइट
|
• प्रमुख नदियां -
1. मनियारी नदी
लंबाई - 134 किमी
उद्गम - पेंड्रा लोरमी पठार (सिहावल सागर पर्वत)
परियोजना - खुड़िया बांध (राजीव गांधी परियोजना)
सहायक नदियां - आगर, टेसुआ, घोंघा, छोटी नर्मदा
तट पर स्थित - तालागांव (बिलासपुर)
• औद्योगिक क्षेत्र -
1. खम्हरिया (नवीनतम IIDC)
• खनिज -
1. चूना पत्थर
• मेला -
1. महादेव घाट का मेला (कार्तिक पूर्णिमा)
2. चम्पारण का मेला (माघ पूर्णिमा)
• सिंचाई परियोजना -
1. राजीव गांधी परियोजना 1930 (खुड़िया बांध)
मुंगेली जिले का इतिहास
मुंगेली को तहसील का दर्जा 1860 में मिला था। इस तरह 142 वर्ष बाद मुंगेली
तहसील से जिला बन पाया। नये जिले में चार तहसील मुंगेली, पथरिया, लोरमी और
लालपुर थाना शामिल है। जिले का कुल क्षेत्रफल 1 लाख 63 हजार 942 वर्ग किलोमीटर
है। मुंगेली जिले में कई धार्मिक एवं पर्यटन स्थल मौजूद हैं। जहां पर हर साल एक
बड़ा मेला भी लगता है। बताया गया कि फणीनागवंशी राजा के सपने में त्रिपथगामनी
गंगा ने प्राकट्य होकर कुंड व मंदिर की स्थापना के निर्देश दिए थे। उन्होंने
सेतगंगा में कुंड व मंदिर को भव्य रूप देने का निर्देश माना। कुंड का जल गंगा
के समान शीतल व निर्मल था। इसलिए ऋषियों ने इसे श्वेत गंगा का नाम दिया था। जो
बोलचाल में सेतगंगा हो गया। टेसुआ के तट पर बसा यह स्थान मुंगेली जिले का तीर्थ
कहलाता है।
मुंगेली जिले में पर्यटन स्थल
मदकू द्वीप
• यह स्थल शिवनाथ एवं मनियारी नदी के संगम में स्थित है।
खुड़िया बांध
• अन्य नाम - राजीव गांधी जलाशय
• नदी - मनियारी नदी में खुड़िया ग्राम, लोरमी के समीप।
शिवघाट
• मनियारी नदी के तट पर लोरमी में स्थित है।
• यहां 300 वर्ष प्राचीन शिवलिंग की प्रतिमा स्थित है।
धूमनाथ / धूमेश्वर मंदिर
• स्थान - सरगांव
• मंदिर -
धूमेश्वर शिव की प्रतिमा
गर्भगृह में सिंदूर पुती हुई मूर्ति स्थापित कर धूमेश्वरी देवी के नाम से इसकी
पूजा की जाती है।
सेतगंगा
• टेसुआ नाला के तट पर स्थित यह एक धार्मिक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थल है।
• जनश्रुतियों के अनुसार फणी नागवंशी राजा के सपने में त्रिपथगामिनी गंगा में आकर
उसे यहां मंदिर एवं कुण्ड की स्थापना करने का निर्देश दिया। तब राजा ने यहां राम
जानकी का मंदिर एवं कुण्ड का निर्माण कराया।
• माघ पूर्णिमा के अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन होता है।
• कुंड का जल गंगा के समान शीतल एवं निर्मल था इसलिए इस कुण्ड को ऋषियों ने श्वेत
गंगा कहा जो संभवतः बोलचाल में परिवर्तित होकर सेतगंगा के नाम से प्रचलित हो गया
है।
अन्य पर्यटन स्थल
• हथनीकला (पथरिया) - देवी दुर्गा का मंदिर
• मल्हापारा (मुंगेली) - सत्यनारायण मंदिर
• खर्राघाट - महादेव का सिद्ध मंदिर
केन्द्र संरक्षित स्मारक
• पाली अभिलेख सेमरसल, मुंगेली
0 Comments