सूरजपुर जिला | सूरजपुर जिले का इतिहास एवं सामान्य परिचय | Surajpur District

सूरजपुर जिला छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरी भाग में स्थित जिला है। यह नवगठित जिला सरगुजा को दो और जिलों में विभाजित कर बनाया गया था। उनमें से एक सूरजपुर है, जो सूरजपुर में स्थित अपने प्रशासनिक मुख्यालय के साथ राज्य का 26वां जिला बन गया। सूरजपुर 2786.76 वर्ग किमी के कुल क्षेत्रफल को समेटे हुए है, जिसमें 789043 लोग आते हैं। सूरजपुर जिले को पहले ''दंदबुल्ला" के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में  "सूर्यपुर" कहा गया और अब यह अपने नवीनतम रूप में "सूरजपुर" के रूप में प्रकट होता है। सूरजपुर पुरातत्व, कला और वास्तुकला व अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

Surajpur District

सूरजपुर जिले का सामान्य परिचय


01 जनवरी 2012
जिला मुख्यालय
सूरजपुर
मातृ जिला
सीमावर्ती जिले (4)
सीमावर्ती राज्य (1)
1. मध्यप्रदेश
1. प्रतापपुर, 2. ओड़गी, 3. भैयाथान, 4. सूरजपुर, 5. रामानुज नगर, 6. प्रेम नगर
विकासखण्ड (6)
1. सूरजपुर, 2. ओड़गी, 3. प्रतापपुर, 4. भैयाथान, 5. प्रेमनगर, 6. रामानुजनगर
1. सूरजपुर
विधानसभा क्षेत्र (3)
1. भटगांव, 2. प्रेमनगर, 3. प्रतापपुर (ST)
राष्ट्रीय राजमार्ग
NH 343 (अम्बिकापुर - रामानुजगंज)
पिनकोड
497229
आधिकारिक वेबसाइट

• भू-गर्भिक शैलक्रम -

गोंड़वाना क्रम

• पहाड़ी -

1. सीता लेखनी

• उद्योग -

1. महामाया शक्कर कारखाना
स्थान - केरता

• खनिज -

1. कोयला क्षेत्र
• विश्रामपुर
• रामकेला
• प्रतापपुर

2. यूरेनियम
• सूरजपुर
• प्रतापपुर
• सारासोर क्षेत्र

• औद्योगिक क्षेत्र -

1. नयनपुर
2. गिरिवरगंज

• मुख्यालय -

1. SECL का उप-मुख्यालय
स्थान - विश्रामपुर

• अभ्यारण्य -

1. तमोर पिंगला

• जलप्रपात -

1. रक्सगंडा जलप्रपात (रेण्ड नदी पर)
2. तुर्रा जलप्रपात

• मेला -

1. कुदरगढ़ (रामनवमी)

सूरजपुर जिले का इतिहास

सूरजपुर जिले को पहले ''दंदबुल्ला" के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में  "सूर्यपुर" कहा गया और अब यह अपने नवीनतम रूप में "सूरजपुर" के रूप में प्रकट होता है। सूरजपुर पुरातत्व, कला और वास्तुकला व अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

सूरजपुर जिले में पर्यटन स्थल

■ सारासोर
• गंगाधर मंदिर जलधारा

■ सूरजपुर
• पाताल/काल भैरव का मंदिर

■ डुगडुगी पत्थर
• भैयाथान तहसील के समीप जामड़ी ग्राम के पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित पत्थर है जिसे हिलाने पर डुगडुगी की आवाज आती है, इसलिए इस पत्थर का नाम डुगडुगी रखा गया है।

■ सीतालेखनी की पहाड़ी
• प्रदेश का प्रथम पक्षी अभ्यारण्य प्रस्तावित।

अन्य पर्यटन स्थल

1. कुंदरुघाघ जलप्रपात
2. जुबा जलप्रपात
3. बिलद्वार

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