छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन व्यवस्था
1. सड़क परिवहन (Road Transportation)
2. रेल परिवहन (Rail Transportation)
3. वायु परिवहन (Air Transportation)
4. जल परिवहन (Water Transportation)
छत्तीसगढ़ में सड़क परिवहन
राज्य में सड़क परिवहन बहुत ही व्यापक रूप से फैला हुआ है। सड़क परिवहन ही राज्य
अधिक मात्रा में गतिशीलता प्रदान करता है जिससे सभी महत्वपूर्ण सुविधाओं की
पूर्ति होती है। राज्य में ग्रामीण मार्ग सबसे ज्यादा फैला हुआ है यह राज्य में
42 प्रतिशत सड़क परिवहन का भाग है। छत्तीसगढ़ में सड़कों की कुल लंबाई 33,023
किमी है।
मार्ग का नाम
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लम्बाई
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प्रतिशत
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राष्ट्रीय राजमार्ग
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3526 किमी
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10.35 %
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राजकीय राजमार्ग
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4137 किमी
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12.14 %
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मुख्य जिला मार्ग
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11581 किमी
|
33.39 %
|
ग्रामीण मार्ग
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15521 किमी
|
44.64 %
|
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway)
• छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल संख्या 20 है।
• राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लम्बाई 3526 किलोमीटर है।
• छत्तीसगढ़ का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 30 (636 किमी) है।
• छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 163 A (12 किमी) है।
• छत्तीसगढ़ का सबसे पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग NH 53 है।
सड़क क्रमांक
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कहाँ से कहाँ तक
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लम्बाई
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1. NH 30
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चिल्फी घाटी - कोंटा मार्ग
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636.60 किमी
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2. NH 43
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मनेन्द्रगढ़ - जशपुरनगर मार्ग
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353.00 किमी
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3. NH 53
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राजनांदगांव - सरायपाली मार्ग
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322.00 किमी
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4. NH 63
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भोपालपट्टनम - जगदलपुर मार्ग
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236.80 किमी
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5. NH 49
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बिलासपुर - रायगढ़ मार्ग
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196.60 किमी
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6. NH 130
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सिमगा - अम्बिकापुर मार्ग
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292.60 किमी
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7. NH 130 A
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कवर्धा - बिलासपुर मार्ग
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105.80 किमी
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8. NH 130 B
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रायपुर - सारंगढ़ मार्ग
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187.50 किमी
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9. NH 130 C
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अभनपुर - देवभोग मार्ग
|
196.00 किमी
|
10. NH 130 D
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कोण्डागांव - नारायणपुर मार्ग
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49.70 किमी
|
11. NH 930
|
बालोद - मानपुर मार्ग
|
115.40 किमी
|
12. NH 343
|
अम्बिकापुर - रामानुजगंज मार्ग
|
110.00 किमी
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13. NH 153
|
सरायपाली - रायगढ़ मार्ग
|
86.80 किमी
|
14. NH 163
|
भोपालपट्टनम - वारंगल मार्ग
|
36.00 किमी
|
15. NH 163 A
|
गीदम - दंतेवाड़ा
|
12.00 किमी
|
16. NH 353
|
घोडारी - बागबाहरा मार्ग
|
65.60 किमी
|
17. NH 149 B
|
चांपा - कटघोरा मार्ग
|
70.20 किमी
|
18. NH 45
|
कबीर चबूतरा - रतनपुर मार्ग
|
98.30 किमी
|
19. NH 130 CD
|
कुरुद (धमतरी) - ओडिशा मार्ग
|
108.40 किमी
|
20. NH 143 B
|
गोविंदपुर - डुमरी (झारखण्ड)
|
15.00 किमी
|
छत्तीसगढ़ के राजकीय राजमार्ग (State Highway)
• छत्तीसगढ़ में राजकीय राजमार्ग की कुल संख्या 27 है।• छत्तीसगढ़ में राजकीय राजमार्ग की कुल लम्बाई 4137 किलोमीटर है।
• छत्तीसगढ़ का सबसे लम्बा राजकीय राजमार्ग SH-5 (568 किमी) है।
• छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा राजकीय राजमार्ग SH-14 (51 किमी) है।
छत्तीसगढ़ में रेल परिवहन
देश मे सबसे पहला रेलगाड़ी लॉर्ड डलहौजी के शासन काल मे 16 अप्रेल 1853 में
मुम्बई ओर थाणे के बीच 34 किमी छोटे मार्ग पर चलाया गया। भारत मे पहला
विद्युतकृत रेल का प्रारंभ मुम्बई - कुर्ला के बीच 3 फरवरी 1925 को लार्ड
रीडिंग के शासन काल मे हुआ था। छत्तीसगढ़ में रेल लाईन का निर्माण कार्य 19वीं शताब्दी के अंत में आरंभ हुआ।
1882 - 1882 में राजनांदगांव से नागपुर तक प्रदेश का प्रथम गेज लाईन की नींव रखी गई थी। ब्रिटिश शासनकाल में बंगाल-नागपुर रेलवे कम्पनी ने इस राज्य में रेल लाईनों का निर्माण किया था।
1885 - 1885 में नागपुर-रायपुर तक ब्रॉड गेज लाइन बिछाई गयी थी।
1887 - 1887 में छत्तीसगढ़ रेलवे का बंगाल-नागपुर रेलवे में विलय हो गया। छत्तीसगढ़ में प्रथम रेलवे स्टेशन राजनांदगांव में स्थापित हुआ था।
1888 - 27 नवम्बर 1888 में प्रदेश में सर्वप्रथम रेल का संचालन बंगाल-नागपुर के मध्य प्रारंभ हुआ।
1889 - बी.एन.सी. के द्वारा बिलासपुर रेलवे लाईन बिछाई गई तथा उमरिया-बिरसिंहपुर को जोड़ी गई। 1 फरवरी 1889 को बिलासपुर से बिरसिंहपुर के लिए रेल का संचालन प्रारंभ हुआ। 11 मई 1889 को बिलासपुर से उमरिया के लिए रेल का संचालन प्रारंभ हुआ।
1890 - 1890 से 1900 ई. के मध्य इंडिया मिडलैंड रेलवे का ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे में विलीनीकरण हुआ।
1890 - बिलासपुर रेलवे स्टेशन की स्थापना छ.ग. का सबसे लम्बा प्लेटफॉर्म बिलासपुर रेलवे स्टेशन का है।
1900 - बिलासपुर रेल मण्डल की स्थापना (कलकत्ता रेलवे के अधीन)
2003 - भारत के 16वें रेलवे जोन के रूप में बिलासपुर रेलवे जोन की स्थापना हुई।
रेलवे से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य -
• छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम रेल का
संचालन 27 नवंबर 1888 में नागपुर - राजनांदगांव के बीच हुआ था।
• बिलासपुर रेल मंडल की स्थापना सन 1900 (कलकत्ता रेलवे के अधीन) में हुई थी।
• छत्तीसगढ़ में कुल रेल लाईन की लंबाई - 1186 किमी है (छत्तीसगढ़ गठन के समय)।
• छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली मुख्य रेल लाइन - मुम्बई- हावड़ा रेल लाईन है।
• छत्तीसगढ़ में एक मात्र छोटी रेल लाईन - रायपुर -धमतरी (नेरोगेज) है।
• छत्तीसगढ़ का प्रथम रेल इंजन - ब्लैक ब्यूटी (काली सुंदरी ) है।
• मुम्बई - हावड़ा रेल लाईन का विस्तार - रायपुर (1888), बिलासपुर (1889), रायगढ़ (1890)
• छत्तीसगढ़ प्रदेश में सबसे बड़ा रेल मार्ग - मुम्बई - हावड़ा रेल मार्ग है ।
• राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाला रेल मार्ग - बिलासपुर - कटनी रेलमार्ग है।
• बिलासपुर रेल मंडल की स्थापना सन 1900 (कलकत्ता रेलवे के अधीन) में हुई थी।
• छत्तीसगढ़ में कुल रेल लाईन की लंबाई - 1186 किमी है (छत्तीसगढ़ गठन के समय)।
• छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली मुख्य रेल लाइन - मुम्बई- हावड़ा रेल लाईन है।
• छत्तीसगढ़ में एक मात्र छोटी रेल लाईन - रायपुर -धमतरी (नेरोगेज) है।
• छत्तीसगढ़ का प्रथम रेल इंजन - ब्लैक ब्यूटी (काली सुंदरी ) है।
• मुम्बई - हावड़ा रेल लाईन का विस्तार - रायपुर (1888), बिलासपुर (1889), रायगढ़ (1890)
• छत्तीसगढ़ प्रदेश में सबसे बड़ा रेल मार्ग - मुम्बई - हावड़ा रेल मार्ग है ।
• राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाला रेल मार्ग - बिलासपुर - कटनी रेलमार्ग है।
• छत्तीसगढ़ का सबसे लम्बा प्लेटफार्म बिलासपुर रेलवे स्टेशन का है।
• छत्तीसगढ़ को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला रेल मार्ग - रायपुर विशाखापट्नम रेलमार्ग है।
• लौह अयस्क का निर्यात करने वाला रेल मार्ग किरंदुल (दंतेवाड़ा) - विशाखापटनम रेल मार्ग है।
• भिलाई स्टील प्लांट (BSP) तक लौह अयस्क पहुँचाने वाला रेल मार्ग - दुर्ग दल्लीराजहरा रेल मार्ग है।
• छत्तीसगढ़ को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला रेल मार्ग - रायपुर विशाखापट्नम रेलमार्ग है।
• लौह अयस्क का निर्यात करने वाला रेल मार्ग किरंदुल (दंतेवाड़ा) - विशाखापटनम रेल मार्ग है।
• भिलाई स्टील प्लांट (BSP) तक लौह अयस्क पहुँचाने वाला रेल मार्ग - दुर्ग दल्लीराजहरा रेल मार्ग है।
अम्बिकापुर से दिल्ली के लिए ट्रेन का संचालन 14 जुलाई 2022 से हुआ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन (S.E.C.R.)
• बिलासपुर रेलवे मंडल की घोषणा 20 सितंबर 1998 में हुई थी।• बिलासपुर रेलवे ज़ोन की स्थापना 1 अप्रैल 2003 को हुई थी।
• बिलासपुर रेलवे ज़ोन भारत का 16 वां रेलवे ज़ोन है।
• दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय बिलासपुर है।
• भारत का सर्वाधिक आय प्रदान करने वाला रेलवे जोन है।
• भारतीय रेल को राजस्व का 1/6 भाग (SECR) बिलासपुर से प्राप्त होता है।
• मुंबई हावड़ा मेल छत्तीसगढ़ राज्य से होकर गुजरती है।
• भारत का सर्वाधिक आय प्रदान करने वाला रेलवे जोन है।
• भारतीय रेल को राजस्व का 1/6 भाग (SECR) बिलासपुर से प्राप्त होता है।
• मुंबई हावड़ा मेल छत्तीसगढ़ राज्य से होकर गुजरती है।
RPF - Railway Police Force
• थाना - 1. डोंगरगढ़
2. भिलाई
3.रायपुर
4.बिलासपुर
5. रायगढ़
RPF का मुख्यालय बिलासपुर में है।
• थाना - 1. डोंगरगढ़
2. भिलाई
3.रायपुर
4.बिलासपुर
5. रायगढ़
RPF का मुख्यालय बिलासपुर में है।
छत्तीसगढ़ में वन्दे भारत एक्सप्रेस -
यह भारत का 6 वां वन्दे भारत एक्सप्रेस है।
शुभारंभ - 11 दिसंबर 2022 (नागपुर से बिलासपुर)
स्टेशन - बिलासपुर - रायपुर - दुर्ग - राजनांदगांव - गोंदिया - नागपुर
राज्य में रेलवे लाइन -
संयुक्त उपक्रम कंपनी द्वारा प्रथम चरण में निम्नांकित चार रेलवे परियोजनाएं क्रियान्वयन हेतु चिन्हांकित की गई है। इन योजनाजों को SPV के माध्यम से क्रियान्वित किया जाना प्रस्तावित है -
डोंगरगढ़ - खैरागढ़ - कवर्धा - मुंगेली - कोटा - कटघोरा - 295 किमी
रायपुर - झारसुगुड़ा व्हाया बलौदाबाजार - 310 किमी
अंबिकापुर - बरवाडीह - 182 किमी
सूरजपुर - परसा (यह परियोजना ईस्ट/ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तहत्) - 122 किमी
दण्डकारण्य रेल नेटवर्क -
प्रदेश के दक्षिणी भाग को रेल नेटवर्क से जोड़ने हेतु 235 किमी. लंबे रेल मार्ग का निर्माण करने का लक्ष्य है जो दो चरणों में समन होगा -
प्रथम चरण - दल्लीराजहरा से रावघाट (95 किमी.) - दल्लीराजहरा-केवटी तक यात्री रेल का परिचालन किया जा रहा है।
दूसरा चरण - रावघाट से जगदलपुर (140 किमी.)
क्रियान्वयन - एन.एम.डी.सी., स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि., इरकॉन एवं छ.ग. शासन की संयुक्त भागीदारी है। परियोजन की स्थापना हेतु स्पेशल पर्पज व्हीकल कंपनी बस्तर रेलवे प्रा.लि. गठित हो चुकी है।
रेल कॉरिडोर -
राज्य में केन्द्रीय रेलवे बोर्ड, राज्य शासन व SECL की संयुक्त भागीदारी से 4.5 हजार करोड़ की लागत से रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। यह परियोजना SECL मॉडल पर स्थापित होगी।
1. खरसिया-धरमजयगढ़-कोरबा (पूर्वी कॉरिडोर) - 2022 तक (193.5 किमी.)
2. गेवरारोड-पेण्ड्रारोड (पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर) - 2019 तक (151 किमी.)
नोट - पूर्वी रेल कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण में पहली ट्रेन खरसिया से कारीछापर के मध्य चलाई गई।
■ चिरमिरी-नागपुर रोड हॉल्ट रेल लिंक परियोजना -
• क्रियान्वयन - दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे द्वारा
• स्थान - चिरमिरी-नागपुर रोड
• लम्बाई - 17 कि.मी.
• विशेष - इस परियोजना में भारतीय रेलवे एवं छत्तीसगढ़ शासन की 50:50 की भागीदारी है।
■ रेलवे ओव्हर/अण्डर ब्रिज - रेलवे ओव्हर / अण्डर ब्रिज के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 01 रेलवे ओव्हर / अण्डर ब्रिज का कार्य पूर्ण एवं 8 कार्य प्रगति पर थे। वर्ष 2022-23 में 3 रेलवे ओव्हर ब्रिज/अण्डर ब्रिज का कार्य पूर्ण हुआ है। 03 रेलवे ओव्हर / अण्डर ब्रिज के कार्य प्रगति पर हैं।
मेट्रो रेल -
राज्य में राजनांदगांव - दुर्ग - रायपुर - नया रायपुर के मध्य आधुनिक व तीव्र रेल सम्पर्क के उद्देश्य से मेट्रो रेल परियोजना की घोषणा हुई है। जिसकी लागत लगभग 20 हजार करोड़ रू है। यह तीन चरणों में पूर्ण किया जाएगा।
1. प्रथम चरण - दुर्ग - रायपुर (45 किमी)
2. द्वितीय चरण - राजनांदगांव - दुर्ग (45 किमी)
3. तृतीय चरण - तेलीबांधा (रायपुर) - नवा रायपुर (40 किमी)
नोट - जगदलपुर से विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे का भाग नहीं है। यह तटीय रेलवे भुवनेश्वर का हिस्सा है।
छत्तीसगढ़ में वायु परिवहन
छत्तीसगढ़ राज्य में 4 हवाई अड्डा (Airport) है एवं कुल 6
हवाईपट्टी विद्यमान है।
छत्तीसगढ़ में हवाई अड्डा / एयरपोर्ट -
1. स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट
प्रारंभ - 07 नवम्बर 2012
शुभारंभ - तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा
स्थान - माना (नवा रायपुर)
विशेष - छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम हवाई अड्डा
2. माँ दंतेश्वरी एयरपोर्ट
प्रारंभ - 2018
शुभारंभ - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा
स्थान - जगदलपुर (बस्तर)
पूर्व नाम - जगदलपुर हवाई अड्डा
3. बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट
प्रारंभ - 01 मार्च 2021
स्थान - चकरभाठा (बिलासपुर)
पूर्व नाम - चकरभाठा हवाई अड्डा
4. माँ महामाया एयरपोर्ट
स्थान - दरिमा (अम्बिकापुर)
विशेष - वर्तमान में यह हवाई अड्डा सक्रीय नहीं है। यहाँ केवल चार्टेड विमान ही उतर सकते है।
छत्तीसगढ़ में हवाई पट्टी -
नाम
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जिला
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अधीन
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1. बैकुंठ हवाई पट्टी
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बैकुंठपुर
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राज्य शासन
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2. अगडीह हवाई पट्टी
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जशपुर
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राज्य शासन
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3. जिंदल (JSPL) हवाई पट्टी
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रायगढ़
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निजी क्षेत्र
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4. कोरबा हवाई पट्टी
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कोरबा
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राज्य शासन
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5. नंदिनी हवाई पट्टी
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भिलाई (दुर्ग)
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केन्द्र सरकार
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6. बलरामपुर हवाई पट्टी
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बलरामपुर
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राज्य शासन
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• छत्तीसगढ़ का सर्वसुविधा युक्त विमानतल स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा है।
छत्तीसगढ़ में जल परिवहन
छत्तीसगढ़ में जल परिवहन का विस्तार सबसे कम है। छत्तीसगढ़ में जल परिवहन की
सुविधा एकमात्र शबरी नदी पर उपलब्ध है, जो सुकमा जिले के कोंटा तहसील से
आँध्रप्रदेश के कुनावरम तक संचालित है। जिसकी कुल लम्बाई 36 किलोमीटर है।
इसका उपयोग माल वाहक के रूप में लौह अयस्क ले जाने के लिए किया जाता है।
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