खासकर के हिंदी के शब्द ला छत्तीसगढ़ी मा उचारन करे मा जादा दोस देखे बर मिलथे,
जब आखर अउ सब्द अपन मुल अर्थ ला छोंड़ के मतलब उचित अर्थ ला छोंड़ के कोनो अनुचित
अर्थ या दुसर अर्थ बताय ला धर लेथे तेन ला सब्द मा दोस केहे जाथे। मातरा मा जादा
फरक करे के सेती ए दोष उतपन होय के सम्भावना बनथे। अउ एकर परमुख दोस के कारण आय
मातरा के एती तेती होवइ, कई बार ता बोले अउ लिखे मा घलो गड़बड़ी हो जाथे।
छत्तीसगढ़ी भाषा व्याकरण भी हिंदी भाषा की तरह देवनागरी लिपी में लिखा जाता है।
जइसने हिंदी के उच्चारन होथे वइसने छत्तीसगढ़ी मा घलो होथे फेर दूनों भाखा के
उच्चारन मा फरक हे, छत्तीसगढ़ी मा उच्चारन के अधार मा आखर अऊ सब्द ला लिखे जाथे।
1. 'अ' अउ 'आ' मातरा के दोस -
हिंदी से छत्तीसगढ़ी में आने वाले बहुत से शब्द जो "आ" वाले होते हैं उसके जगह
में "अ" का प्रयोग कर दिया जाता है। पहिली आखर के 'आ' के जगा 'अ' परयोग कर दे
जाथे।
जइसे -
• पाताललोक - पताललोक
• सामान - समान
• रामायण - रमायन
• सामान्य - समान्य
• आकास - अकास
• आजाद - अजाद
• माया - मयाँ
• सामाजिक - समाजिक
2. 'इ' अउ 'ई' मातरा के दोस -
"इ" के जगह "ई" या फिर "ई " की जगह "इ" का प्रयोग कर दिया जाता है। उच्चारन मा
घलो बड़ गलती मिलथे।
जइसे -
• धनिया - धनीया
• चिंया - चींया
• फरिया - फरीया
• करिया - करीया
• तियार - तीयार
• मसखरहिन - मसखरहीन
• बोटबिटहा - बोटबीटहा
• पगली - पगलि
• मटमटही - मटमटहि
• जवई - जवइ
• रेंगई - रेंगइ
• खवई - खवइ
3. 'उ' अउ 'ऊ' मातरा के दोस -
कभी कभी छोटे (उ) बड़े (ऊ) के मात्रा में भी दोष नजर आता है। इंहा कभू कभू छोटे
'उ' के जगा बड़े 'ऊ' के उपयोग कर दे जाथे जेकर ले सब्द मा गड़बड़ी उतपन होय लागथे
जउन ला सहीं नइ केहे जा सके।
जइसे -
• बुता - बूता
• दुख - दूख
• फुरफुंदी - फूरफूंदी
• आगु - आगू
• नुन - नून
• चुन - चून
• दुनो - दूनो
• फुरसद - फूरसद
• नुनछुर - नूनछूर
• पुरखा - पूरखा
अइसने ढंग ले 'ऊ' के जगा 'उ' के घलो चित योग दे जाथे।
जइसे -
• चाकू - चाकु
• करू - करु
• बछरू - बछरु
• डमरू - डमरु
• दूबी - दुबी
• भूती - भुती
• रुख - रूख
• रूप - रुप
• सूँता - सुँता
4. 'ए' अउ ' ए ' मातरा के दोस -
ए आर ऐ की मात्रा में भी बहुत बड़ी गलती देखने को मिलती है कई बार "ए" के जगा मा
"ऐ" के गलत परयोग कर दे जाथे।
जइसे -
• के ला कै
• करे के जगा करै
• रेमटा ला रैमटा
• एक के जगा ऐक
रहे के रहै
• इहें ला इहैं
• टेंटवा ला टैंटवा
• घेंघा ला घैघा
• नेवतहार ला नैवतहार
• सुपेला ला सुपैला
गलती के रूप मा उचारन ला उचित नइ केहे जा सके अइसने 'ऐ' जगा 'ए' के गलत परयोग घलो
मिलथे।
जइसे -
• कैस ला केस
• पैसा ला पेसा
• नैन ला नेन
• चैन ला चेन
• मैरसा ला मेरसा
• सैकमी ला सेकमी
• बैगा ला बेगा
• बैसकी ला बेसकी
• बैठ ला बेठ
5. 'ओ' अउ 'औ' मातरा के दोस -
ओ और औ में भी दोष या गलती देखने को मिलता है। कई बार ओ के जगा औ के परयोग कर दे
जाथे।
जइसे -
• भोभला के जगा भौभला
• भोकवा ला भौकवा
• पेटबोजवा ला पेटबौजवा
• भोंगरा ला भौगरा
• रोज्जे ला रोज्जे
अइसने परकार अउ किसम ले 'औ' के जगह 'ओ' के परयोग कर दे जाथे।
जइसे -
• गौरी के गोरी
• रौनी के जगा रोनी
• पौनी के जगा पोनी
• दौना के बदृआ दोना
• रौदना ला रोदना
• रौनियाँ ला रोनियाँ
• सौकिन ला सोकिन
• पौआ ला पोआ
• दुलौरिन ला दुलोरिन
6. अनुस्वार ( ंं ) अउ अनुनासिकता ( ँँ ) के दोस -
कभी - कभी अनुस्वार और अनुनासिकता में भी दोष और गलतियां देखने को मिलता है।
छत्तीसगढ़ी मा अइसन दोस बहुत देखे बर मिलथे, अनुस्वार के जगा अनुनासिकता के परयोग
कर दे जाथे।
जइसे -
• नंगतेहे ला नँगतेहे
• तंदरूस्त ला तँदरूस्त
• राँका के जगा रांका
• बँडवा ला बडवाँ
• पँडरा ला पडरौँ
• कँडरा के जगा कडराँ
• भाँउर के जा भाउँर
अइसने अनुनासिकता के जगा अनुस्वार के परयोग कर दे जाथे।
जइसे -
• हँफरहा ला हंफरहा
• फाँका ला फांका
• पाँकू ला पांकू
• पाँच ला पांच
जउन जगा मा अनुस्वार नइते अनुनासिकता के जरूरत रथे वो जगा मा इंकर चिनहाँ घलो नइ
मिले। अइसन गलती ले सब्द के अर्थ हा पूरा के पूरा बदल जथे।
जइसे -
• पंथ - पथ
• रंग - रग
• दंग - दग
• भाँग - भाग
• बाँड़ी - बाड़ी
• बाँस - बास
• कांच - काच
• पांव - पाव
• दांव - दाव
• छांव छाव
7. 'व' अउ 'ब' सब्द के दोस -
कभी - कभी व के जगह में ब प्रयोग करते हैं। 'व' ले सुरू होवइया सब्द मन के
सुरूवात छत्तिसगढ़ी मा 'ब' ले सुरू होथे।
जइसे -
• वाक्य ला बाक्य
• वजन ला बजन
• वाणी ला बानी
• वचन ला बचन
• विसेसता के जगा बिसेसता
• विभूती के बदला मा बिभूती
• वानर ला बानर
• वंदना के बंदना
• वस के जगा बस
• वंश के बदला मा बंश
8. छत्तीसगढ़ी में कुछ शब्द जैसे - ण, ष, श, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ऋ का प्रयोग करना -
लेकिन ये सब्द हा छत्तीसगढ़ी आखर ओरी मा सामिल नइ हे। छत्तिसगढ़ी मा इँकर ले बने
सब्द के उच्चारन अइसन ढंग ले करे जाथे।
जइसे -
• त्रिलोक तिरलोक
• गण ला गन
• बाण ला बान
• वाणी ला बानी
• शेष ला सेस
• शंकर ला संकर
• विष ला बिस
• वर्ष ला बरस
• क्षणिक ला छनिक
• साक्षर ला साच्छर
• कक्षा ला कक्छा
• त्रेता ला तरेता
• विज्ञान ला बिगयान
• ज्ञानी ला गियानी
• ज्ञान ला गियान
• श्रवण ला सरवन
• ऋग्वेद ला रिगबेद
• ऋतु ला रितु
• शत्रु ला सतरू
• छत्तीसगढ़ी भाषा एवं व्याकरण
• छत्तीसगढ़ी संज्ञा | छत्तीसगढ़ी व्याकरण
• छत्तीसगढ़ी मुहावरे वाक्य प्रयोग सहित
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